सम्पत्ति का अधिकार
सम्पत्ति का अधिकार19(1) से आशय 'निजी सम्पत्ति का अधिकार' प्रदान करने से है। यह एक मानवाधिकार है किन्तु अलग अलग देशों ने अपने विवेकानुसार इस अधिकार को विविध प्रकार से सीमित किया हुआ है। सम्पत्ति का अधिकार संयुक्त राष्ट्रसंघ के मानवाधिकारों की सार्वभौम घोषणा के धारा ७ में वर्णित है। भारत में पहले मूल अधिकार था लेकिन अब इसे हटा दिया गया है इसे 44वे संवैधानिक संशोधन द्वारा 1978 में हटा दिया गया है![1] Archived 2023-02-24 at the वेबैक मशीन