गणित में समिश्र संख्याएँ (complex number) वास्तविक संख्याओं का विस्तार है। किसी वास्तविक संख्या में एक काल्पनिक भाग जोड़ देने से समिश्र संख्या बनती है। समिश्र संख्या के काल्पनिक भाग के साथ i जुड़ा होता है जो निम्नलिखित सम्बन्ध को संतुष्ट करती है:
किसी भी समिश्र संख्या को a + bi, के रूप में व्यक्त किया जा सकता है जिसमें a और b दोनो ही वास्तविक संख्याएं हैं। a + bi में a को वास्तविक भाग तथा b को काल्पनिक भाग कहते हैं। उदाहरण: 3 + 4i एक समिश्र संख्या है।
समिश्र संख्या का कार्तीय निरूपण
समिश्र संख्या को a + bi के रूप में दर्शाने को समिश्र संख्या का कार्तीय स्वरूप (Cartesian Form) कहते है।
पोलर स्वरूप (पोलर फॉर्म)
समिश्र संख्या z = x + iy को ध्रुवीय निर्देशांकों के रूप में भी निरूपित कर सकते हैं। ध्रुवीय निर्देशांक r = |z| ≥ 0, को समिश्र संख्या का निरपेक्ष मान (absolute value) या मापांक (modulus) कहते हैं। इसी प्रकार φ = arg(z) को z का कोणांक (argument) कहते हैं।
कार्तिय स्वरूप से ध्रुवीय स्वरूप में परिवर्तन
जहाँ:
कोणांक φ = कोणांक मुख्य मान (−π, +π] के बीच देता है। किन्तु यदि φ का ऋणात्मक मान नहिं चाहिये बल्कि [0, 2π) के बीच में चाहिये तो उस ऋणात्मक मान में 2π जोड़कर प्राप्त किया जा सकता है।
कार्तीय से ध्रुवीय स्वरूप में परिवर्तन
समिश्र संख्या का पोलर स्वरूप (Notation of the polar form)
निम्नलिखित रूप ध्रुवीय स्वरूप कहलाता है:
इसे cis φ से भी निरुपित करते हैं जो cos φ + i sin φ का संक्षिप्त रूप है।
यूलर का सूत्र (Euler's formula) का प्रयोग करके इसे निम्नलिखित तरीके से भी लिख सकते हैं:
इस स्वरूप को इक्सपोनेंशियल रूप' (exponential form) कहते हैं।
एलेक्ट्रॉनिकी में किसी फेजर (phasor) के लिये समिश्र संख्या के कोणीय निरूपण का बहुधा प्रयोग होता है। जिसमें A आयाम एवं θकला (फेज) है।
ध्यान रहे कि एलेक्ट्रॉनिकी और विद्युत अभियांत्रिकी में i के बजाय j का प्रयोग किया जाता है क्योंकि i के द्वारा विद्युत धारा का निरुपण किया जाता है।
निरपेक्ष मान एवं समिश्र-युग्म
The absolute value (or modulus or magnitude) of a complex number is defined as . Algebraically, if , then
The absolute value has three important properties:
for all complex numbers z and w. These imply that and . By defining the distance function , we turn the set of complex numbers into a metric space and we can therefore talk about limits and continuity.
The complex conjugate of the complex number is defined to be , written as or . As seen in the figure, is the "reflection" of z about the real axis, and so both and are real numbers. Many identities relate complex numbers and their conjugates:
कार्तीय स्वरूप में समिश्र संक्रियाएँ
योग (Addition)
.
अन्तर
.
गुणा
.
भाग (Division)
कुछ उदाहरण
योग:
घटाना:
गुणा:
भाग:
ध्रुवीय स्वरूप में संक्रियाएं
गुणा एवं भाग
त्रिकोणमित्तीय स्वरूप में
एक्स्पोनेंशियल रूप (Exponentil form)
अन्य संक्रियाएँ
घातांक
प्राकृतिक संख्या
का वाँ घात इस प्रकार निकाला जाता है
या कार्तीय रूप के लिये
किसी भी समिश्र घातांक
किसी समिश्र आधार पर समिश्र घातांक के लिये सामान्य सूत्र है:
यहाँ समिश्र लघुगणक का मुख्य मान लिया जायेगा।
मूल (roots)
यहाँ बहुत सावधानी की जरूरत होती है; देखिये -
निम्नलिखित सूत्र समिश्र संख्या का वाँ मूल निकालने के लिये प्रयुक्त होता है:
जहाँ का मान । इस प्रकार किसी संख्या के वें मूलों की कुल संख्या होती है।
लघुगणक
समिश्र संख्या के प्राकृतिक लघुगणक का मुख्य मान होगा:
समिश्र संख्याओं से सम्बन्धित कुछ सर्वसमिकाएँ
if and only if z is real
if and only if z is purely imaginary
यदि zअशून्य संख्या है।
अन्तिम वाला सूत्र किसी समिश्र संख्या का व्युत्क्रम (इन्वर्स) निकालने के लिये बहुत उपयोगी है, यदि वह संख्या कार्तीय रूप में दी गयी है।
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