सप्तम जयवर्मन
महान सप्तम जयवर्मन | |||||
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ख्मेर साम्राज्य का राजा | |||||
सप्तम जयवर्मन की प्रतिमा, गुमेत संग्रहालय (Guimet Museum) | |||||
शासनावधि | 1181 – 1218 | ||||
पूर्ववर्ती | द्वितीय यशोवर्मन | ||||
उत्तरवर्ती | द्वितीय इन्द्रवर्मन | ||||
जन्म | 1125 अंकोर, ख्मेर साम्राज्य | ||||
निधन | यशोधरपुर, ख्मेर साम्राज्य | ||||
संगिनी | जयरक्षादेवी, इन्द्रादेवी | ||||
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पिता | द्वितीय धरणीन्द्रवर्मन | ||||
माता | श्री जयराजचूडामणि | ||||
धर्म | महायान बौद्ध (पहले हिन्दू धर्म) |
सप्तम जयवर्मन (ख्मेर भाषा ជ័យវរ្ម័នទី៧ ; 1125 –1218) ख्मेर साम्राज्य का एक प्रतापी राजा था जिसने सन् 1181 से 1218 तक शासन किया। उसने 'महापरमसौगत' नाम धारण किया था। वह राजा द्वितीय धरणीन्द्रवर्मन का पुत्र था। उसकी रानी का नाम जयराजदेवी था। प्रथम रानी की मृत्यु के बाद उसने उसकी बहन इन्द्रादेवी से विवाह किया।[1] ऐसा माना जाता है कि ये दोनों रानियाँ उसके लिये महान प्रेरणा की स्रोत थीं। द्वितीय जयवर्मन को इतिहासकार सबसे शक्तिशाली ख्मेर सम्राट मानते हैं।[2]
सन्दर्भ
- ↑ Coedès, George (1968). Walter F. Vella (संपा॰). The Indianized States of Southeast Asia. trans.Susan Brown Cowing. University of Hawaii Press. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-8248-0368-1.
- ↑ "ការគ្រងរាជ្យរបស់ព្រះបាទជ័យវរ្ម័នទី៧ (ភាគ១៦)" (खमेर में). Radio Free Asia. 4 June 2014. मूल से 6 जून 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 4 June 2014.