सद्धर्म प्रचारक
सद्धर्म प्रचारक स्वामी श्रद्धानन्द द्वारा १९०७ में आरम्भ किया गया एक धार्मिक हिन्दी पत्र था जो पहले उर्दू लिपि में छपता था किन्तु बाद में देवनागरी में छपने लगा। इस पत्र की विषयवस्तु धार्मिक हुआ करती थी किन्तु तत्कालीन सामयिक राजनैतिक विषयों पर टिप्पणियाँ भी छपतीं थी। बाद में इस पत्र का सम्पादन उनके पुत्र एवं महान शिक्षाविद इन्द्र विद्यावाचस्पति ने किया।