सच्चियाय माता मन्दिर
सच्चियाय माता मन्दिर | |
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धर्म संबंधी जानकारी | |
सम्बद्धता | हिन्दू धर्म |
अवस्थिति जानकारी | |
अवस्थिति | ओसियां ,जोधपुर, राजस्थान |
वास्तु विवरण | |
प्रकार | मंदिर |
Riddhi Kothari From Belapur
colour = हरासच्चियाय माता (सचिया माता) के नाम से भी जानी जाती है इनका मंदिर जोधपुर से 63 किमी दूर ओसियां में स्थित है। यह मंदिर जोधपुर जिले का सबसे बड़ा मंदिर है इसका निर्माण 9वीं या 10वीं सदी में उपेन्द्र ने करवाया था। सच्चियाय माता को ओसवाल, जैन, परमार, पंवार, कुमावत,सुथार, राजपूत, जाट, चारण (पंवार वंश गेेेहड देवासी) पारीक ब्राह्मण,माहेश्वरी इत्यादि जातियों के लोग पूजते हैं। जैन की देवी है[1][2]
हिन्दु पौराणिक इतिहास
सच्चियाय माता का पूर्व का नाम साची था तथा ये असुर राजा पौलोमा की बेटी थी। राजा पौलोमा वृत्र के सेना प्रमुख थे। वृत्र साची से विवाह करना चाहती थी। परंतु साची उससे विवाह नहीं करना चाहती थी इस कारण पौलोमा ने वृत्र का कार्य छोड़ दिया और जैन धर्म को मानने लगे
जैन पौराणिक इतिहास
एक पत्थर शिलालेख जो ओसियां में मिला था वह कुछ और कहानी बतलाती हैं। जैन धर्म के एक आचार्य श्रीमद् विजय रत्नाप्रभासुरीजी ने ओसियां की यात्रा की थी इनके अनुसार ओसियां का पूर्व का नाम उपकेशपुर था और यहाँ चामुण्डा माता का एक मंदिर भी था। इनका मानना था कि चामुण्डा माँ लोगों से भैंसों की बली मांगती थी। जैन साधु विजय रत्नाप्रभासुरीजी इस प्रथा पर प्रतिबंध लगाने का प्रयास कर रहे थे। इनका मानना था कि चामुण्डा माता का दूसरा नाम (सच्चियाय माता) ही था।
वर्तमान
आज वर्तमान समय में सच्चियाय माता के मंदिर में मिठाई, नारियल, कुमकुम, केसर, धुप, चंदन, लापसी इत्यादि का छड़ावा किया जाता है।[3] बलि का कहीं ज़िक्र भी नहीं होता है।
- सच्चियाय माता के मंदिर में ब्रह्मचारिणि का मंदिर
- विश्राम गृह
- मंदिर का मुख्य द्वार
इन्हें भी देखें
- तनोट माता Rajput
सन्दर्भ
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 26 अप्रैल 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 21 अप्रैल 2015.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 30 अप्रैल 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 21 अप्रैल 2015.
- ↑ Travel, Vibrant4. "ओसियां माता मंदिर, सच्चियाय माता मंदिर, जोधपुर (Shri Osiya Mataji Temple, Jodhpur)". Vibrant4Travel. Vibrant4Travel. मूल से 16 अगस्त 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2 अगस्त 2016.