श्टूर्माब्टाइलुंग
श्टूर्माब्टाइलुंग | |
निशान | |
संस्था अवलोकन | |
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स्थापना | 1920 |
भंग | 8 मई, 1945 |
सुपर्सीड संस्था | शूट्सटाफ़ल (ल. 1934 onwards) |
अधिकार क्षेत्र | नाज़ी जर्मनी |
मुख्यालय | एस॰ए॰, नात्सी कमांड, म्यूनिख |
मातृ संस्था | नात्सी पार्टी (NSDAP) |
अधीनस्थ संस्थान | ਸ਼ੂਤਜ਼ਤਾਫ਼ਿਲ (1934 ਤੱਕ) |
श्टूर्माब्टाइलुंग (SS ; जर्मन: Sturmabteilung German pronunciation: ( सुनें) ) प्रथम विश्व युद्घ के बाद के जर्मनी में नात्सी पार्टी का एक अर्धसैनिक बल था।
इसने 1920 और 1930 के दशकों में हिटलर की सत्ता को स्थापित करने में अहम भूमिका निभाई। इसके मुख्य लक्ष्य नात्सी प्रदर्शनों और सम्मेलनों को सुरक्षा प्रदान करना, विपक्षी दलों को भंग करना, अन्य दलों के अर्धसैनिक बलों के साथ लोहा लेना , रोमा, यहूदी और स्लाव नागरिकों को धमकाना (जैसे यहूदी व्यापारियों का बहिष्कार करना) हो गया था।
इन्हें 'ख़ाक़ी शर्ट' के नाम से पुकारा जाता था। उन्होंने अपने सदस्यों को स्व-निर्मित पद भी दिए, जो सैनिक पदों जैसे प्रतीत होते थे। इस तरह के पदों का प्रयोग शूट्सटाफ़ल (SS) ने भी किया, जो कि पहले SA के अंदर ही एक गुट था जो बाद में अलग हो गया। प्रथम विश्व युद्ध के दौरान बड़ी मात्रा में उपलब्धि और कम कीमत के कारण खाकी वर्दी को अपनाया गया था। [1]
संदर्भ
- ↑ Toland p. 220