शेम्पेन
ये वो जनजाति है जिसमें शायद सबसे ज्यादा बदलाव हुआ है और वो आधुनिक समाज का हिस्सा बनते जा रहे हैं. पर फिर भी इस समाज ने अपनी कई खासित बचा कर रखी है. निकोबारी लोगों की भाषा, उनका पहनावा, नृत्य आदि बहुत कुछ ऐसा है जिसमें ज्यादा बदलाव नहीं हुआ है. 1840 के दशक में पहली बार इस जनजाति से संपर्क साधा गया था. 2014 में पहली बार इस जनजाति को वोटिंग के लिए साथ में लाया गया था. यानी इस जनजाति का आधुनिकरण भी हाल ही में हुआ है.
2001 की जनगणना में ये कहा गया था कि इस जनजाति के 300 लोग मौजूद हैं. शोमपेन जनजाति के लोगों को सबसे ज्यादा आधुनिक माना जा सकता है और यही कारण है कि इस जनजाति के लोग आसानी से घुलमिल जाते हैं और बहुत आसान है यहां जाना.