शिकरा
शिकरा | |
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वयस्क नर | |
वैज्ञानिक वर्गीकरण | |
जगत: | जन्तु |
संघ: | रज्जुकी |
वर्ग: | पक्षी |
गण: | फ़ॉलकॉनिफॉर्मिस |
कुल: | ऍक्सिपिट्रिडी |
वंश: | ऍक्सिपिटर |
जाति: | ए. बेडिअस |
द्विपद नाम | |
ऍक्सिपिटर बेडिअस ग्मॅलिन, १७८८ |
शिकरा एक छोटा शिकारी पक्षी है जो बाज़ की एक प्रजाति है। यह एशिया तथा अफ़्रीका में काफ़ी संख्या में पाया जाता है। क्रमिक विकास के दौरान, शिकारियों से बचने के लिए इसके रूप की नक़्ल पपीहे ने की है।मध्ये प्रदेश में सबसे ज़्यादा पाया जाता है।राजस्थान में कोटा जिला के अरंडखेड़ा गांव में भी देखा गया। और ये उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले के पकलोर गांव में और गोरखपुर के निवरहर गाँव दईखायी दिया रोहित यादव के द्वारा इसकी पुष्टि हुई।
वर्तमान में यह श्री धाम वृन्दावन में प्रिया प्रिति निकुँज में निवासित है। जो इस मौसम में वापस आकर अपना घोसला बनाता है। यह जानकारी पूर्णता सिद्ध है।
छिपकली, गिरगिट,चिड़िया आदि छोटे पक्षी और जानवरों का शिकार करता है।
पहचान
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शिकरा एक छोटा पक्षी है जो तक़रीबन २६ से ३० से.मी. लम्बा होता है। अपनी प्रजाति के अन्य सदस्यों की तरह शिकरे के छोटे, गोलाकार पंख होते हैं और पतली, लम्बी पूँछ होती है। वयस्क पेट की तरफ़ सफ़ेद लिए हुये होते हैं और उसमें कत्थई रंग की पड़ी लकीरें होती हैं जो सफ़ेदी छुपाकर पेट को लालिमा प्रदान कर देती हैं। निचले पेट में कत्थई धारियाँ कम हो जाती हैं और निचला पेट सफ़ेद सा होता है। रान के इलाके में प्रायः सफ़ेदी ही दिखाई देती है। मादा नर से थोड़ी बड़ी होती हैं। नरों की आँख की पुतली लाल रंग की होती है जबकि मादा की पुतली पीले–नारंगी रंग की होती है।
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सन्दर्भ
- ↑ BirdLife International (2008). Accipiter badius. 2008 संकटग्रस्त प्रजातियों की IUCN लाल सूची. IUCN 2008. Retrieved on 19 फ़रवरी 2009.