शान्ताकुमारन श्रीसंत
- इस भारतीय नाम में - शान्ताकुमारन उपनाम होने के बजाय एक पितृनाम है एवं इन व्यक्ति को उनके प्रदत्त नाम - श्रीसंत से संबोधित किया जाना चाहिए।
व्यक्तिगत जानकारी | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
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पूरा नाम | शान्ताकुमारन श्रीसंत | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
उपनाम | श्री, गोपू | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
बल्लेबाजी की शैली | दाएँ-हाथ | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
गेंदबाजी की शैली | Right-arm fast-medium | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
भूमिका | गेंदबाज़ | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
अंतर्राष्ट्रीय जानकारी | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
राष्ट्रीय पक्ष | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
टेस्ट में पदार्पण (कैप 253) | 1 मार्च 2006 बनाम इंग्लैंड | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
अंतिम टेस्ट | 18 अगस्त 2011 बनाम इंग्लैंड | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
वनडे पदार्पण (कैप 162) | 25 अक्टूबर 2005 बनाम श्रीलंका | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
अंतिम एक दिवसीय | 2 अप्रैल 2011 बनाम श्रीलंका | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
घरेलू टीम की जानकारी | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
वर्ष | टीम | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
2002-वर्तमान | Kerala | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
2008-2010 | Kings XI Punjab | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
2009 | Warwickshire | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
2011 | Kochi Tuskers Kerala | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
कैरियर के आँकड़े | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
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स्रोत : CricketArchive, 24 जनवरी 2011 |
शान्ताकुमारन श्रीसंत साधारणतः श्रीसंत (मलयालम: ശ്രീശാന്ത്) pronunciation सहायता·सूचना (जन्म 6 फ़रवरी 1983 कोठामंगलम, केरल, भारत), एक भारतीय क्रिकेटर हैं। वे दाहिने हाथ के तेज़-मध्यम गेंदबाज और दाएं हाथ के अंतिम-क्रम के बल्लेबाज हैं। प्रथम श्रेणी के क्रिकेट में, वे केरल और भारतीय प्रीमियर लीग में कोची टस्कर केरल के लिए खेलते हैं। वे ऐसे प्रथम केरल रणजी खिलाड़ी हैं जिन्होंने भारत के लिए ट्वेंटी20 खेला।
श्रीसंत जब आठवीं कक्षा में थे तब वह राष्ट्रीय ब्रेकडांसिंग चैंपियन थे।[1]
प्रारंभिक जीवन
श्रीसंत का जन्म शान्ताकुमारन नायर और सावित्री देवी के घर में हुआ था। उनके एक बड़े भाई और एक बड़ी बहन हैं।[2] उनका भाई दीपू कोच्चि में एक संगीत कंपनी का मालिक और बहन निवेदिता केरल में एक टीवी अभिनेत्री हैं। उनके जीजा मधु बालकृष्णन एक मशहूर दक्षिण भारतीय गायक हैं। श्रीसंत स्वंय को एक धार्मिक व्यक्ति मानते हैं और इसका श्रेय वह अपनी मां को देते हैं जो एक बहुत ही रूढ़िवादी नम्बूदरी परिवार से हैं।[3]
श्रीसंत ने बचपन में लेग-स्पिनर के रूप में अपनी शुरूआत की और अपनी शैली को भारत के शीर्ष टेस्ट विकेट धारक अनिल कुंबले के अंदाज़ में ढाला, जो बाद में उनके टेस्ट कप्तान बने। यॉर्कर गेंदबाजी की अपनी आदत के कारण ही उन्होंने अपने आप को तेज गेंदबाज में बदला, जिसके लिए उनके बड़े भाई ने उन्हें प्रोत्साहित किया।[4] केरल के तेज गेंदबाज टीनू योहानन के कदमों पर चलते हुए जिनका चयन 2000 में राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी के लिए किया गया था, श्रीसंत चेन्नई में एमआरएफ पेस फाउंडेशन के लिए चुन लिए गए। इसके बाद उन्होंने 2002-03 के घरेलू मैच में गोवा के विरूद्ध प्रथम श्रेणी के कैरियर की शुरुआत की, रणजी ट्राफी के सात मैचों में इन्होंने 22 विकेट लिए[5] और उसी सत्र में दिलीप ट्रॉफी में दक्षिण क्षेत्र के लिए चुन लिए गए।[6]
राजकोट में दौरे पर आए न्यूजीलैंड के विरूद्ध उन्हें भारत-ए साइड की ओर से चुना गया। 12 ओवर खेलकर उन्होंने एक विकेट लिया लेकिन हैमस्ट्रिंग चोट के कारण उन्हें खेल से हटना पड़ा. इस सत्र के पांच रणजी ट्रॉफी मैचों में वह नहीं खेल पाए, हालांकि वे आगे होने वाले मैचों के लिए टीम के साथ यात्रा करते रहे। इसके कारण यह अफवाह फैली कि एक ज्योतिषी ने उन्हें सलाह दी है कि खेल में अपनी लंबी पारी को बनाए रखने के लिए उन्हें कुछ दिनों तक प्रतियोगिता में भाग लेना बन्द रखना होगा, श्रीसंत ने इस बात से स्पष्ट रूप से इनकार किया और कहा कि वह केवल अपने फिटनेस को बनाए रखने का प्रशिक्षण हासिल कर रहें हैं।[4]
नवंबर 2004 में, श्रीसंत ने रिकॉर्ड पुस्तिका में अपना नाम दर्ज किया जब उन्होंने रणजी ट्रॉफी में हिमाचल प्रदेश के खिलाफ हैट्रिक लिया, ऐसा पहली बार हुआ था कि केरल के किसी गेंदबाज ने केरलवासियों के बीच प्रिंस ऑफ हैट्रिक [] का खिताब पाया हो। अक्टूबर 2005 में होने वाली चैलेंजर ट्रॉफी के लिए भारत बी का प्रतिनिधित्व करने के लिए उन्हें चुना गया, यह एक घरेलू सीमित ओवर का टूर्नामेंट था।[7] इस टूर्नामेंट में इनका प्रदर्शन बहुत प्रभावशाली रहा, तीसरे सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी औसत के साथ इन्होंने 7 प्रमुख विकेट लेकर मैन ऑफ द सीरीज का खिताब अर्जित किया।[8] इस कारण उन्हें श्रीलंका के खिलाफ एक दिवसीय श्रृंखला में भारतीय टीम के लिए चुन लिया गया।[9]
एक दिवसीय कैरियर
श्रीलंका के खिलाफ नागपुर में पहले वनडे में श्रीसंत को नई गेंद दी गई।[10] मैच के प्रारंभ में ही कुमार संगकारा और सनत जयसूर्या से पिटने के बाद श्रीसंत ने मैच के अंत में अपने पहले दो वनडे विकेट लिए। [11] वह टीम से बाहर हो गए थे और बाद में चौथे, पांचवें और छठे वनडे के लिए कोच ग्रेग चैपल ने उन्हें टीम में शामिल कर लिया। वह टीम में बरकरार थे[12] लेकिन दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 5 मैचों की श्रृंखला वह नहीं खेले, लेकिन पाकिस्तान दौरे के सभी पांच मैच उन्होंने खेले और कराची में पाकिस्तानी क्रिकेट टीम के खिलाफ पांचवें वनडे में 4/58 का रिकार्ड बनाया। अप्रैल 2006 में इंग्लैंड के खिलाफ बहुत अच्छी घरेलू श्रृंखला हुई, जिसमें इन्होंने 16.3 के औसत पर 10 विकेट लिए, साथ ही इंदौर के फाइनल मैच में अपनी कैरियर का सर्वश्रेष्ठ 6/55 भी बनाया (जिसमें इन्हें मैन ऑफ द मैच [1] का अवार्ड दिया गया,[13], बाद में मई के महीने में इन्हें सी-ग्रेड में बीसीसीआई के अनुबंध से नवाज़ा गया।[14]
उनके निराशाजनक किफायती दर के कारण आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में 14 की टीम से बाहर होना पड़ा जिसका फायदा आरपी सिंह, को मिला। वे अप्रत्याशित ढंग से भारतीय टीम में वापस आए जब एक टूर्नामेंट के दौरान अजित आगरकर को चोट लग गई। वह इंग्लैंड दौरे के लिए भारतीय एकदिवसीय टीम से बाहर हो गए थे।
2011 क्रिकेट विश्व कप के लिए प्रवीण कुमार की चोट की वजह से श्रीसंत को चुना गया। पहले मैच में वह बहुत महंगे साबित हुए जब उन्होंने बिना कोई विकेट लिए 5 ओवर में 53 रन दिए। उन्हें फाइनल में चुना गया जहां बिना कोई विकेट लिए 8 ओवर में 52 रन दिए।
टेस्ट कैरियर
मार्च 2006 की घरेलू श्रृंखला में इंग्लैंड के खिलाफ पहली टेस्ट टीम के लिए श्रीसंत को जहीर खान की जगह पर चुना गया। उन्होंने नागपुर टेस्ट में इरफान पठान के साथ गेंदबाजी कर 4/95 के साथ अपना प्रारंभिक दावा ठोका.[15] वे मोहाली में दूसरे टेस्ट में बीमारी की वजह से नहीं खेल पाए, लेकिन मुंबई के तीसरे टेस्ट मैच में पांच विकेट पर कब्जा किया और साथ ही बल्लेबाजी कर 29* बनाकर नॉट आउट रहे। पठान के साथ मिलकर श्रीसंत ने वेस्ट इंडीज दौरे पर पेस बोलिंग में भारत के प्रमुख गेंदबाज के रूप में कामयाबी हासिल की। चोट के कारण वह दूसरा टेस्ट नहीं खेल पाए लेकिन चौथे टेस्ट में किंग्स्टन, जमैका में उन्होंने 5/72 के आंकड़े पर अपना सर्वोत्तम मैच खेला।[16]
आज की तारीख तक श्रीसंत ने अपना सबसे महत्वपूर्ण टेस्ट क्रिकेट का प्रदर्शन 2006 में भारत के दक्षिण अफ्रीका के दौरे में जोहानसबर्ग में किया। सीमित ओवरों की श्रृंखला में 4-0 से हारने के बाद श्रीसंत ने पेस और स्विंग का प्रदर्शन कर 5-40 के आंकड़े पर दक्षिण अफ्रीका की छुट्टी कर दी। इस प्रदर्शन में दक्षिण अफ्रीका केवल 84 बनाकर ही आउट हो गया। दक्षिण अफ्रीका की धरती पर यह भारत की पहली जीत थी जिसमें उन्हें मैन ऑफ द मैच घोषित किया गया। फिर, श्रीसंत की हरकतों को अद्भुत बताकर कुछ कमेंटेटर उन्हें विचित्र मानने लगे और अक्सर इसका उल्लेख करने लगे। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद की विज्ञापन नीति का उल्लंघन करने के कारण और हाशिम अमला को आउट करने के बाद खेल की भावना के विपरीत आचरण करने के कारण उन्हें जुर्माना भरना पड़ा.[17] बल्लेबाज आन्ड्रे नेल के खिलाफ गेंदबाजी करते समय भी वे एक टकराव में शामिल हो गए, जो काफी प्रचारित हुआ। नेल ने श्रीसंत के शरीर के ऊपरी भाग पर तेजी से कई गेंदें फेकीं और श्रीसंत अपने आप को बचाते रहे, उसने ताना कसते हुए कहा कि श्रीसंत में साहस की कमी है। अगली गेंद पर श्रीसंत ने अपना बल्ला घुमाकर गेंदबाज के सिर के ऊपर से छक्का मार दिया। इसके बाद श्रीसंत खुश होकर अपना बल्ला घुमाकर विकेट के सामने नाचने लगे और नेल का मजाक उड़ाया.[18] बाद में श्रीसंत ने कहा कि वह अपने इस आचरण को दोहराना नहीं चाहते हैं, क्योंकि आचार-संहिता का उल्लंघन करने के लिए उन्हें निलंबित भी किया जा सकता है।[19] हालांकि नेल वाली घटना के लिए उन्हें दंडित नहीं किया गया लेकिन हाशिम अमला मामले में और जर्सी के नीचे ब्रांडेड कपड़े पहनने के लिए मैच के शुल्क से 30% जुर्माना काट लिया गया।
2007 में इंग्लैंड के दौरे में टेंट ब्रिज में दूसरे टेस्ट के चौथे दिन श्रीसंत एक बार फिर विवाद में फंस गए। अपने निशान पर वापस जाने के समय इंग्लैंड के कप्तान माइकल वॉन के सामने जानबूझ कर कंधे उचकाए इसके कारण मैच की फीस की आधी रकम काट ली गई। उन्होंने बल्लेबाज केविन पीटरसन को एक बीमर गेंद भी डाली, जिससे उसने बचने की भरसक कोशिश की। हालांकि इसके बाद श्रीसंत ने तुरंत माफी मांग ली। मैच के बाद उन्होंने कहा कि गेंद उनके हाथ से फिसल गई थी। इसके तुरंत बाद, उन्होंने रुखाई से 2 फीट (0.61 मी॰) क्रीज़ को लांघकर एक नो बॉल कर दी, यह अटकलें लगाई जाने लगीं कि पॉल कॉलिंगवुड को बाउंसर फेंकने के लिए जानबूझकर ऐसा किया गया था। इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल एथर्टन ने पीटरसन के बीमर के लिए श्रीसंत पर प्रतिबंध लगाने की मांग की और कहा कि श्रीसंत पिच पर अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखने में सक्षम नहीं हैं। [2] [3]
डेढ़ साल तक भारतीय टीम के बाहर रहने के बाद श्रीसंत को नवंबर 2009 में श्रीलंका के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज खेलने के लिए वापस बुलाया लिया गया। श्रीसंत ने कानपुर के दूसरे टेस्ट की पहली पारी में पांच विकेट लिए जिससे भारत को एक पारी और 144 रनों की जीत हासिल हुई। [20] श्रीसंत को छह विकेट लेने के लिए मैन ऑफ द मैच से सम्मानित किया गया।[21] मैच के बाद भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने उनकी प्रशंसा रिवर्स स्विंग के सबसे अच्छे गेंदबाज के रूप में की। [22]
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वर्ल्ड ट्वेंटी20 चैम्पियनशिप, 2007
इंग्लैंड में एक दिवसीय श्रृंखला के लिए अपनी चूक के बाद सितम्बर 2007 में, श्रीसंत ट्वेंटी20 विश्व कप के लिए दक्षिण अफ्रीका में भारतीय टीम में शामिल किए गए। हालांकि टूर्नामेंट में उनके प्रदर्शन में स्थिरता नहीं थी, श्रीसंत ने टीम की सफलता के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया और कामयाब रहे। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल मैच के दौरान जिसमें जीत भारत की हुई थी श्रीसंत ने एडम गिलक्रिस्ट और मैथ्यू हेडन जैसे सलामी बल्लेबाजों के महत्वपूर्ण विकेट लिए। बाद में इसी कारण से जीत भारत के पक्ष में हुई। पाकिस्तान के खिलाफ फाइनल में, श्रीसंत की गेंद महंगी साबित हुई, लेकिन आखिरी ओवर में कैच लेने से पाकिस्तान की पारी समाप्त हो गई और भारत ट्वेंटी20 विश्व चैंपियन बना और वह भारतीय समारोहों का केंद्र बन गए।
इंडियन प्रीमियर लीग
श्रीसंत भारतीय प्रीमियर लीग में किंग्स इलेवन पंजाब से संबद्धित हैं। 2008 में आईपीएल के उद्घाटन संस्करण में, श्रीसंत सोहेल तनवीर के बाद टूर्नामेंट में दूसरे प्रमुख विकेट लेने वाले बन गए, इन्होंने18 विकेट लिए। श्रीसंत 2009 के आईपीएल संस्करण में बाद के मैचों में ही दिखाई दिए, तनाव फ्रैक्चर के कारण सीज़न के प्रारंभिक मैच वह नहीं खेल पाए. 2010 इंडियन प्रीमियर लीग में किंग्स इलेवन पंजाब की ओर से खेलने के बाद उन्होंने 2011 में कोची के साथ अनुबंध हस्ताक्षर किए।
हरभजन सिंह के साथ तकरार
25 अप्रैल 2008 को मोहाली में आईपीएल के मैच में किंग्स इलेवन पंजाब की जीत के बाद मुंबई इंडियन के कप्तान हरभजन सिंह ने श्रीसंत को थप्पड़ मारा. घटना तब प्रकाश में आई जब श्रीसंत मैदान पर ही टीवी कैमरे के सामने सिसकते हुए दिखाई दिए। श्रीसंत ने बाद में कहा कि उन्हें हरभजन के खिलाफ कोई शिकायत नहीं है वो "एक बड़े भाई की तरह हैं" . हरभजन की टीम ने लगातार तीसरा मैच भी खो दिया था और श्रीसंत ने हिंसक प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए हरभजन को "हार्ड लक" कहा. आईपीएल टूर्नामेंट के शेष मैचों पर हरभजन पर प्रतिबंध लगा दिए गए और दोषी पाने के बाद उन्हें अपने वेतन से हाथ धोना पड़ा. बीसीसीआई ने घटना की अलग से जांच की और एकदिवसीय मैचों पर हरभजन पर प्रतिबंध लगा दिया। [23][24][25][26]
उसी वर्ष, ऑस्ट्रेलिया में, श्रीसंत ने कहा कि उन्हें क्रिकेट मैदान पर आक्रामक रवैया बनाए रखना होगा, "श्रीसंत का तरीका आक्रामक है। श्रीसंत हमेशा श्रीसंत रहेगा"[27]
स्पॉट फिक्सिंग के आरोप और गिरफ्तारी
16 मई 2013, को आईपीएल 6 के दौरान दिल्ली पुलिस ने स्पॉट फिक्सिंग के आरोप में श्रीसंत और राजस्थान रॉयल्स टीम के दो अन्य खिलाडियों, अजीत चंदीला और अंकित चव्हाण को मुंबई से गिरफ्तार कर लिया। सूचना के अनुसार श्रीसंत के चचेरे भाई और गुजरात अंडर-22 खिलाड़ी रह चुके जीजू जनार्दन के इस स्पॉट फिक्सिंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 17 मई 2013 को श्रीसंत ने स्पॉट फिक्सिंग में शामिल होना कबूल कर लिया। पुलिस के अनुसार श्रीसंत अपनी गिरफ्तारी के समय नशे में था और उसने सोचा की उसे नशे में होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। जिस वक़्त दिल्ली पुलिस की टीम ने उसे पकड़ा, वह कथित कार्टर रोड प्रोमेनेड, मुंबई में स्थित एक पांच सितारा होटल के बाहर एक एसयूवी में किसी महिला के साथ था। जांच समाप्त होने तक श्रीसंत और स्पॉट फिक्सिंग में आरोपी दो अन्य खिलाड़ियों का राजस्थान रॉयल्स के साथ अनुबंध निलंबित कर दिया गया है।
वार्विकशायर
अगस्त 2009 में, श्रीसंत ने बाकी बचे अंग्रेजी सत्र में वारविकशायर के लिए खेलने के सौदे पर हस्ताक्षर किए।
आधिकारिक चेतावनी
श्रीसंत अपने विपुल और भावनात्मक व्यवहार के लिए विख्यात हैं, विशेष रूप से जब विकेट के लिए अपील किया जा रहा हो या विकेट गिरने पर खुशी जाहिर की जा रही हो। ऐसे ट्रेडमार्क व्यवहार के लिए अक्सर देखा गया है कि उनपर अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के खिलाड़ी आचरण के दिशानिर्देश का उल्लंघन करने के लिए जुर्माना लगाया गया है। अक्टूबर 2009 में, बीसीसीआई और केरल क्रिकेट संघ द्वारा अनुशासनहीनता के लिए अलग-अलग चेतावनी जारी की गई थी, जिसके विफल होने पर श्रीसंत पर कठोर कार्रवाई के रूप में घरेलू क्रिकेट पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है।[28]
उन्हें क्रिकेट के मैदान में अनुशासनहीनता के लिए कई बार चेतावनी दी जा चुकी है। अक्टूबर 2009 में, बीसीसीआई, ने श्रीसंत को अपने व्यवहार में सुधार लाने को कहा, जिसके विफल होने पर श्रीसंत के घरेलू क्रिकेट पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है।[29] इसके बाद, केरल क्रिकेट संघ ने भी बार-बार आचरण का उल्लंघन करने के लिए कोड जारी कर अंतिम चेतावनी दी। [30] इसके बाद श्रीसंत कन्नूर केरल रणजी ट्रॉफी के शिविर में शामिल होने में असफल रहे।
हालांकि, अगले महीने ही श्रीसंत को श्रीलंका के खिलाफ पहले दो टेस्ट मैचों के लिए भारतीय टीम में वापस बुलाया लिया गया। करीब डेढ़ साल तक बाहर रहने के बाद उन्हें राष्ट्रीय टीम में शामिल कर लिया गया।[31] वह कानपुर टेस्ट में इशांत शर्मा की जगह पर आए थे और अपनी गेंदबाजी द्वारा उन्होंने एक पारी और 144 रनों से भारत को जीत दिलवाने में मदद की। पहली पारी में पांच विकेट लेने के कारण श्रीसंत को मैन ऑफ द मैच का अवार्ड दिया गया।[21]
नाम श्रीसंत
सही नाम
अंग्रेजी मीडिया में, श्रीसंत के पूरे नाम से कुछ भ्रम उत्पन्न होता रहा है। उन्हें हमेशा "श्री (Sree) श्रीसंत",[32] "श्री (Sri) श्रीसंत",[33] " "संत श्रीसंत",[34] और "शान्ताकुमारन श्रीसंत"[35] पुकारा जाता रहा है। उन्होंने पहले कहा भी था कि उनकी इच्छा है कि वह "श्री संत" के नाम से जाने जाएं.[36] सितम्बर 2007 में, श्रीसंत ने कहा है कि उनका नाम सिर्फ "श्रीसंत" था और अन्य सभी नाम गलत थे:
"यह श्रीसंत है। कोई शान्ताकुमारन श्रीसंत नहीं और न ही कोई एस श्रीसंत है। हाल ही में यहां एक समारोह में मुझे श्री श्रीसंत, तो कभी श्री और अंत में एस श्रीसंत बुलाया गया। यह केवल श्रीसंत है ".[37]
नाम बदलने का निर्णय और निरसन
2006 में जब उनका प्रदर्शन बहुत खराब हो गया था, तब अंक शास्त्री की सलाह पर श्रीसंत ने अपनी किस्मत बदलने के लिए अपना नाम बदलकर श्रीसंत (Sreesunth) रखने की कोशिश की। बाद में उन्होंने कहा कि भावुक कारणों की वजह से वह अपना नाम नहीं बदल रहे हैं। उनके नाम में संत उनके पिता के नाम सांतकुमारन नायर से व्युत्पन्न हुआ है।[38]
सन्दर्भ
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- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 9 जून 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 19 मई 2011.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 13 अक्तूबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 19 मई 2011.
- ↑ अ आ "यह एक से टैंगो लेता है". मूल से 29 जनवरी 2007 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 19 मई 2011.
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- ↑ ऑस्ट्रेलियाई ताकत का अंत लॉर्ड में प्रकाश दिखाई दिया
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- ↑ 'समस्या थी कि मैं दक्षिण अफ्रीका को इंग्लैंड ले गया . . . Archived 2008-02-24 at the वेबैक मशीनट्वेंटी -20 में एक या दो ओवर में जीता है। . . Archived 2008-02-24 at the वेबैक मशीननेल हो या लारा परवाह नहीं, हम क्यों डरें? ' Archived 2008-02-24 at the वेबैक मशीन
- ↑ http://www.indianexpress.com/oldstory.php?storyid=88526
बाहरी कड़ियाँ
[...तो क्या संन्यास लेने के लिए इसी लम्हे का इंतजार कर रहे थे S Sreesanth? https://www.newsnationtv.com/amp/sports/cricket/s-sreesanth-the-fighter-real-genuine-fast-bowler-who-india-wanted-from-long-time-waited-right-time-to-called-off-field-256958.html ] क्रिकेट पुरालेख प्लेयर प्रोफाइल: श्रीसंत