शस्यकर्तन
शस्यकर्तन या शस्यकर्तन कला का अर्थ, छंटाई या कटाई के द्वारा पौधों या झाड़ियों को मनचाहा रूप देकर शिल्प निर्माण करना है। शस्यकर्तन दो संस्कृत शब्दों शस्य और कर्तन से मिल कर बना है जिनका अर्थ क्रमशः वनस्पति और काटना होता है। शस्यकर्तन के लिये अमूमन सदाबहार छोटे या सुइयों जैसे घने पत्तों वाले पौधों का उपयोग किया जाता है।
कई बार पौधों को मनचाहा आकार देने के लिए उनमें धातु के तार से बना एक पिंजरा फंसा देते है और समय के साथ इस पूरे पिंजरे पर पत्तियां छा जाती है और कुछ ही महीनों में मनचाहा आकार प्राप्त हो जाता है। शस्यकर्तन का सबसे साधारण उदाहरण घरेलु हैज (बाड़) है जिसे बाहरी सीमा, दीवार या पर्दा बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है।