वेल्लोर किला
| वेल्लोर किला | |
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| तमिल नाडु का इतिहास, , विजयनगर साम्राज्य, , भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का भाग | |
| वेल्लोर | |
|  वेल्लोर कोट्टै வேலூர் கோட்டை | |
|   वेल्लोर किला | |
| निर्देशांक | 12°55′15″N 79°07′42″E / 12.9208333°N 79.1283333°Eनिर्देशांक: 12°55′15″N 79°07′42″E / 12.9208333°N 79.1283333°E | 
| प्रकार | दुर्ग एवं मन्दिर परिसर | 
| ऊँचाई | n/a | 
| स्थल जानकारी | |
| स्वामित्व | भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण विभाग | 
| नियंत्रक | भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण विभाग | 
| जनप्रवेश | हाँ | 
| दशा | ऐतिहासिक स्मारक रूप में संरक्षित | 
| स्थल इतिहास | |
| निर्मित | 1566 | 
| निर्माता | विजयनगर साम्राज्य | 
| प्रयोगाधीन | जारी | 
| सामग्री | ग्रेनाइट | 
| युद्ध/संग्राम | तोप्पुर का युद्ध, कर्नाटक युद्ध, | 
| घटनाएँ | वेल्लोर विद्रोह | 
| दुर्गरक्षक जानकारी | |
| निवासी | विजयनगर साम्राज्य, बीजापुर सल्तनत, ब्रिटिश भारत | 
वेल्लोर किला (या वेल्लोर फोर्ट या दुर्ग) तमिल नाडु राज्य के वेल्लोर के केंद्र में स्थित है। किले में श्री जलागांडीश्वर मंदिर, एक मस्जिद, चर्च, मुतु मंडपम, प्रसिद्ध वेल्लोर ईसाई अस्पताल और राज्य सरकार संग्रहालय भी स्थित हैं। इसी किले में टीपू महल भी स्थित है और मान्यता यह भी है कि टीपू सुल्तान ब्रिटिश युद्ध के समय अपने परिवार के साथ कुछ समय यहां रहे थे। ब्रिटिश राज के दौरान वेल्लोर फोर्ट में कई शाही कैदियों जैसे कैंडी के अंतिम राजा विक्रम राजासिंहा और टीपू सुल्तान के परिवार के सदस्यों को रखा गया था। १८०६ के सिपाही विद्रोह की अग्नि सर्वप्रथम वेल्लोर किले में ही भड़की थी। वेल्लोर फोर्ट एक विख्यात पर्यटक आकर्षण है और राष्ट्रीय महत्व की एक ऐतिहासिक इमारत में गिना जाता है।[1]
स्थापत्य
किले की बाहरी दीवारों का निर्माण विशाल ग्रेनाइट के शिलाखण्डों से हुआ, जिसको चारों ओर से गहरी खाई घेरे हुए है। खाई में भरने के लिये जल की आपूर्ति सूर्यगुंटा जलाशय द्वारा की जाती है और यह दोहरी दीवारों से दृढ़ है। वर्तमान में इस किले का अनुरक्षण भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अधीन है।
सन्दर्भ
- ↑ "वेल्लोर फोर्ट, वेल्लोर". मूल से 20 फ़रवरी 2018 को पुरालेखित.https://hindi.nativeplanet.com/vellore/attractions/vellore-fort/#photos Archived 2018-02-20 at the वेबैक मशीन