वीसलदेव रासो
इस ग्रंथ में परमार शासक राजा भोज की पुत्री राजमत्ति और विग्रहराज चतुर्थ के मध्य प्रेम प्रसंग का उल्लेख मिलता है। नरपति नाल्ह इसके रचयिता है।
इस ग्रंथ में परमार शासक राजा भोज की पुत्री राजमत्ति और विग्रहराज चतुर्थ के मध्य प्रेम प्रसंग का उल्लेख मिलता है। नरपति नाल्ह इसके रचयिता है।