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विस्तारात्मक तथा अविस्तारात्मक गुणधर्म

पदार्थों के भौतिक गुणों को प्रायः दो भागों में विभाजित किया जाता है -

(१) अविस्तारात्मक गुणधर्म (intensive properties)
(२) विस्तारात्मक गुणधर्म (extensive properties)

अविस्तारात्मक गुण

ये पदार्थ के वे गुण हैं जो इस बात पर निर्भर नहीं करते निकाय का आकार छोटा है या बड़ा। इन गुणों को 'मात्रा-स्वतंत्र गुणधर्म' भी कहते हैं। ये तंत्र के किसी बिन्दु पर या स्थान पर भौतिक गुण होते हैं। इन्हे English में बड़े ( capitol latter) से चिन्हित किया जाता है

अन्य उदाहरण : ताप,rigidness अपवर्तनांक, कठोरता

विस्तारात्मक गुण

पदार्थ के विस्तारात्मक गुण वे हैं जो निकाय के आकार के साथ मात्रा पर भी निर्भर करते हैं। उदाहरण के लिए द्रव्यमान एक विस्तारात्मक गुण है क्योंकि पदार्थ के छोटे नमूने का द्रव्यमान कम होगा और बड़े नमूने का अधिक। इन गुणों को 'मात्रात्मक गुणधर्म' भी कहते हैं।

अन्य उदाहरण : आयतन