सामग्री पर जाएँ

विषुवतीय निर्देशांक प्रणाली

खगोलीय गोले पर रेखांश और क्रांति से किसी ग्रह या तारे की स्थिति बताई जाती है। ये भूगोल के अक्षांश और देशांतर के समतुल्य हैं
रेखांश (Right ascension) और क्रांति (declination) खगोलीय गोले के अन्दर से दिखाई दे रहें है. माप की दिशा वसंत विषुव या उत्तर सम्पात से खगोलीय विषुवत वृत्त पर है. रेखांश को पूर्व की और बढ़ते हुए घंटों में मापा जाता है , अधिकतम २४ घंटा माप है।

विषुवतीय निर्देशांक प्रणाली एक बहुप्रचलित प्रणाली है, जिसके प्रयोग से खगोलीय पिंडों या बिन्दुओं का मापन किया जाता है। इसमें पृथ्वी की भूमध्य रेखा, ध्रुवओं को आगे खगोलीय वृत्त में प्रक्षेपित करके माप किया जाता है। इस प्रणाली में वसंत विषुव को पूर्व और पश्चिम में शून्य माना जाता है और दोनों विषुवों से गुजर रहे खगोलीय विषुवत वृत्त को उत्तर दक्षिण में शून्य माना जाता है।

इसके दो निर्देशांक होते हैं: