विश्व मानवतावादी दिवस
विश्व मानवतावादी दिवस
विश्व मानवतावादी दिवस प्रत्येक वर्ष 19 अगस्त को मनाया जाता है । यह दिन उन लोगों की स्मृति में मनाया जाता है जिन्होंने विश्व स्तर पर मानवतावादी संकट में अपनी जान गंवाई या मानवीय उद्देश्यों के कारण दूसरों की सहायता हेतु अपने प्राणों को आहूत कर दिया कर दिया।
वर्ष 2008 में एक प्रस्ताव पारित कर विश्व मानवता दिवस पहली बार संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा मनाया गया था। इस प्रस्ताव को स्वीडन ने प्रायोजित किया था। दरअसल, आज से 17 साल पहले इराक की राजधानी बगदाद में आज के दिन यानी 19 अगस्त, 2003 को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय पर हमला किया गया था। इस हमले में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के 22 सहकर्मी मारे गए थे, जिनमें इराक में UNO महासचिव के विशेष प्रतिनिधि सर्जियो विएरा डी मेलो की भी बम विस्फोट के कारण मृत्यु हो गयी। इसके बाद से 19 अगस्त को विश्व मानवता दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया गया था ।
बगदाद की त्रासदी के बाद अब तक 4,000 से अधिक राहतकर्मियों को निशाना बनाया गया है। अनेक मृत्यु का शिकार हुए हैं, कितने ही घायल हुए हैं, कइयों को गिरफ्तार और अपह्रत किया गया है। इस प्रकार हर साल औसत 300 राहतकर्मियों को निशाना बनाया गया है।
संघर्षरत क्षेत्रों में नागरिक भी मृत्यु का शिकार होते हैं, या घायल हो जाते हैं। यहां विशेष रूप से लोगों को निशाना बनाकर मारा जाता है, या अंधाधुंध हमले किए जाते हैं। पिछले वर्ष संयुक्त राष्ट्र ने केवल छह देशों अफगानिस्तान, मध्य अफ़्रीकी गणराज्य, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, इराक, सोमालिया और यमन में हुए हमलों में 26,000 से अधिक नागरिकों की मौत या उनके घायल होने की घटनाएं दर्ज की थीं।
विश्व भर में फैली अशांति और संघर्ष में लाखों लोग अपनी सरजमीं से विस्थापित हुए हैं। ऐसे लोगों की संख्या साढ़े 6 करोड़ से अधिक है। बच्चों को सशस्त्र समूहों में भर्ती किया जाता है और उन्हें लड़ाइयों में झोंक दिया जाता है। महिलाओं का उत्पीड़न और अपमान किया जाता है। चूंकि राहतकर्मी मदद करते हैं और चिकित्साकर्मी जरूरतमंदों को राहत पहुंचाते हैं, इसलिए अक्सर उन्हें भी निशाना बनाया जाता है और धमकियां दी जाती हैं।
विश्व मानवता दिवस पर मैं विश्वस्तरीय नेताओं से अपील की जाती है कि वे अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करके इन संघर्षों से प्रभावित होने वाले लोगों की हर संभव मदद करें।
सन्दर्भ :UN.ORG