विशाखदत्त
विशाखदत्त संस्कृत भाषा के सुप्रसिद्ध नाटककार थे।
विशाखदत्त गुप्तकाल की विभूति थे। विशाखदत्त की दो अन्य रचनाओं- देवी चन्द्रगुप्तम्, तथा राघवानन्द नाटकम् - का भी उल्लेख मिलता है, किन्तु उनकी प्रसिद्धि का मूलाधार ‘मुद्राराक्षस’ ही है। विशाखदत्त के द्वारा रचित प्रसिद्ध पुस्तक देवी चंद्रगुप्तम् में गुप्त वंश के शासक रामगुप्त की पत्नी देवी तथा उनके छोटे भाई चंद्रगुप्त द्वितीय की कहानी है। समुद्रगुप्त के बाद रामगुप्त शासक बना। यह एक आयोग शासक था । जबकि "देवी " पढ़ी-लिखी थी । इसकी पत्नी "देवी" ने रामगुप्त के छोटे भाई चंद्रगुप्त-II के साथ षड्यंत्र रच कर खुद के पति रामगुप्त की हत्या करवा दी। इन दोनों से संतान स्वरूप पुत्री के रूप में प्रभावती हुई। वाकाटक वंश" के शासक रूद्रसेन' का विवाह प्रभावती से हुआ। इस विवाह के कारण गुप्त वंश तथा वाकाटक वंश के बीच मैत्रीपूर्ण संबंध स्थापित हुआ।