विलियम लेबाव
विलियम लेबोव (William Labov) अमेरिकी भाषाविद् हैं। इन्हें व्यापक रूप से समाजभाषाविज्ञान का संस्थापक माना जाता है।
परिचय
विलियम लेबाव का जन्म 4 दिसम्बर 1927 को रदरफोर्ड, न्यू जर्सी में हुआ था। भाषायी परिवर्तन और विभिन्नता (Linguistic Change and Diversity) का अध्ययन करना इनका प्रमुख कार्य है। अपने लंबे एवं प्रतिष्ठित करियर में इन्होंने भाषाविज्ञान के अध्ययन को एक सैद्धांतिक स्वरूप प्रदान कर वैज्ञानिक अध्ययन पर जोर दिया था।
लेबोव का अध्ययन 1948 में हावर्ड में हुआ था। सन् 1963 में एम.ए. परियोजना कार्य समाप्त किया, साथ ही उन्होंने मार्था दाख के बोली–भाषा में परिवर्तन पर अपना अध्ययन पूर्ण किया। तत्पश्चात् 1964 में कोलंबिया विश्वविद्यालय से पी–एच.डी. की उपाधि लेने से पूर्व 1949–61 में उन्होंने भाषाविज्ञान की ओर से एक औद्योगिक रसायनज्ञ के रूप में कार्य किया। उन्होंने 1966 में न्यूयार्क शहर में अंग्रेजी के सामाजिक स्तरीकरण पर लिखा। 1970 के दशक में Black English Vernacular (BEV) पर लेबोव द्वारा किया गया अध्ययन काफी प्रभावशाली रहा है। उन्होंने BEV के संदर्भ में कहा कि BEV घटिया स्तिग्मातिजेद के रूप में नहीं होना चाहिए किंतु अपने ही व्याकरणिक नियमों के साथ अंग्रेजी के विभिन्न भाषिक रूपों का सम्मान किया जाना चाहिए। वे मानते हैं कि ब्लैक इंग्लिश वास्तव में अपनी व्याकरणिक प्रणाली के साथ एक वैध बोली है और स्कूलों में एक विदेशी भाषा के रूप में इसका व्यवहार किया जाना चाहिए। हालाँकि BEV के वक्ताओं ने तर्क दिया कि समाज में संपर्क स्थापित करने के लिए बड़े स्तर पर अमेरिकी अंग्रेजी सीखने के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
कार्य
सन् 1971 में विलियम लेबोव ने पेनसिल्वेनिया विश्वविद्यालय में भाषाविज्ञान के प्रोफेसर बनने से पूर्व कुछ समय कोलंबिया में पढ़ाया। 1977 में वे भाषाविज्ञान प्रयोगशाला के निदेशक बने। उन्होंने अपने अध्ययन के लिए आँकड़ों को एकत्रित करने के लिए न्यूयार्क शहर में अंग्रेजी के भाषिक रूपों का उपयोग किया, जो कि न्यूयार्क में अंग्रेजी के सामाजिक स्तरीकरण (1966) के रूप में प्रकाशित है। उनका यह अध्ययन काफी प्रभावशाली रहा है। 2006 में उन्होंने अपने सह–लेखक शोरोन ऐश और चाल्र्स बोबर्ज के साथ मिलकर उत्तर अमेरिकी अंग्रेजी का एटलस प्रकाशित किया। 1979 में वे अमेरिका के भाषाई समाज के अध्यक्ष के रूप में सेवारत थे। वे राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी के सदस्य थे। उन्होंने समाजभाषाविज्ञान और बोलीविज्ञान के विषय में अनुसंधान किया। अपने अनुसंधान में उन्होंनें भाषा के सामाजिक स्तरीकरण और भाषायी परिवर्तन–संचालन पर जोर दिया। बाद में उन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रयुक्त अंग्रेजी के ध्वनिविज्ञान में परिवर्तन का अध्ययन किया। साथ ही मूल एवं स्वर के शृंखला में बदलाव के पैटर्न का भी अध्ययन किया। (एक स्वर के स्थान पर दूसरा स्वर, दूसरे के स्थान पर तीसरा और फिर एक पूरी शृंखला)। [[चित्र:
विलियम लेबोव द्वारा किये गये कुछ प्रमुख कार्य निम्नवत् हैं–
- Black English Vernacular (1970)
- Sociolinguistic Patterns (1972)
- Principals of Linguistic Change (vol.1 Internal Factors, 1994; vol.2 Social Factors,2001)