विद्युत मशीन
वैद्युत अभियांत्रिकी में, विद्युत मशीन, विद्युत मोटर और विद्युत जनित्र तथा अन्य विद्युतचुम्बकीय उपकरणों के लिये एक व्यापक शब्द है । यह सब वैद्युतयांत्रिक उर्जा-परिवर्तक हैं। विद्युत मोटर विद्युत उर्जा को यांत्रिक उर्जा मे, जब कि विद्युत जनित्र यांत्रिक उर्जा को विद्युत ऊर्जा मे परिवर्तित करता है। यंत्र के गतिशील भाग घूर्णन या रैखिक गति (रैखिक मोटरों में) रख सकते हे। मोटर और जनित्र के अतिरिक्त, बहुधा ट्रांसफार्मर (परिणामित्र) का तीसरी श्रेणी की तरह समावेश किया जाता है, हालाँकि इनमें कोइ गतिशील खंड नही होते, फिर भी प्रत्यावर्ती उर्जा की वोल्टता को परिवर्तित करता है।
विद्युत यंत्रों का विकास १९वीं शताब्दी के मध्य में शुरू हुआ था। उस समय से अब तक विद्युत मशीनें उद्योगों से लेकर हमारे घरों तक सर्वत्र व्याप्त हो गयीं हैं। विद्युत-जनित्र के स्वरूप मे ये विद्युत यंत्र संसार की लगभग समस्त वैद्युत शक्ति का उत्पादन करते हैं। इसी तरह, सम्पूर्ण उत्पादित विद्युत ऊर्जा के लगभग ६० प्रतिशत का उपभोग विद्युत मोटरों द्वारा किया जाता है। इनकी व्यापकता को देखते हुए, वैश्विक संरक्षण के लिये अधिक कार्यक्षम (efficient) विद्युत यंत्र विकसित करना अत्यन्त महत्वपूर्ण है।
सार रूप में, ट्रांसफॉर्मर, विद्युत मोटर, विद्युत जनित्र आदि को विद्युत मशीन (electrical machine) कहते हैं। विद्युत मशीनें तीन प्रकार से ऊर्जा का परिवर्तन करतीं हैं:
- यांत्रिक ऊर्जा ==> वैद्युत ऊर्जा : विद्युत जनित्र
- विद्युत ऊर्जा ==> यांत्रिक ऊर्जा : विद्युत मोटर
- विद्युत ऊर्जा (V1 वोल्टता) ==> विद्युत ऊर्जा (V2 वोल्टता) : ट्रांसफॉर्मर
इनमें से विद्युत जनित्र तथा विद्युत मोटर घूमने वाली मशीने हैं जबकि ट्रांसफॉर्मर स्थैतिक मशीन (अर्थात, बिना घूमे ही कार्य करने वाली विद्युत मशीन) है। घूर्णी विद्युत मशीनें तीन प्रकार की होतीं हैं-
- (१) डी सी मशीन या कॉम्युटेटर युक्त मशीनें
- (२) तुल्यकालिक मशीन (सिन्क्रोनस मशीन)
- (३) अतुल्यकालिक मशीन (एसिन्क्रोनस मशीन)
![](https://upload.wikimedia.org/wikipedia/commons/thumb/0/0c/Motore_elettrico_giocattolo.jpg/300px-Motore_elettrico_giocattolo.jpg)
वर्गीकरण
![](https://upload.wikimedia.org/wikipedia/commons/thumb/a/a3/Trafostation_Alter_Hellweg_IMGP4722.jpg/300px-Trafostation_Alter_Hellweg_IMGP4722.jpg)
![](https://upload.wikimedia.org/wikipedia/commons/thumb/1/1d/Transformer.filament.agr.jpg/300px-Transformer.filament.agr.jpg)
विद्युत यंत्र (मोटर और जनित्र) का वर्गीकरण उसके कार्य करने के भौतिक सिद्धान्त के आधार पर किया जा सकता है। विद्युत मशीनों का वर्गीकरण इस प्रकार से भी किया जा सकता है कि वे विद्युत ऊर्जा उत्पन्न करतीं हैं (विद्युत जनित्र), या विद्युत ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में बदलतीं हैं (मोटर), या विद्युत ऊर्जा का नियंत्रण करतीं हैं (जैसे ऐम्प्लीडाइन)। विद्युत मशीनों का वर्गीकरण इस आधार पर भी किया जा सकता है कि वे दिष्ट धारा मशीन हैं या प्रत्यावर्ती धारा मशीन।
विद्युत धारा | घूर्णी मशीनें | स्थैतिक मशीनें | ||||||
पर्यावर्ती धारा एकल फेजी या त्रिफेजी |
| ट्रान्सफॉर्मर इंडक्शन रेगुलेटर फेज परिवर्तक साइक्लोकन्वर्टर | ||||||
दिष्ट धारा |
| चॉपर | ||||||
ए सी डी सी |
| दिष्टकारी इनवर्टर |
विद्युत जनित्र
AC जनित्र
DC जनित्र
विद्युत मोटर
AC मोटर
DC मोटर
अन्य विद्युतचुम्बकीय मशीनें
अन्य प्रमुख विद्युत मशीनें ये हैं- एम्प्लीडाइन (Amplidyne), सिन्क्रो (Synchro), मेटाडाइन (Metadyne), भंवर धारा क्लच (Eddy current clutch), भंवर धारा ब्रेक (Eddy current brake), भंवर धारा डाइनेमोमीटर (Eddy current dynamometer), हिस्टेरिसिस डाइनेमोमीटर (Hysteresis dynamometer), घूर्णी परिवर्तक (Rotary converter), प्रेरण नियंत्रक (इंडक्शन रेगुलेटर) तथा वार्ड लियोनार्ड सेट (Ward Leonard set)।
मशीन डिजाइन
नीचे की तालिका में विद्युत मशीनों की डिजाइन से सम्बन्धित समीकरण दिए गए हैं।
मशीन | वोल्टता समीकरण | आउटपुट समीकरण | टिप्पणी |
---|---|---|---|
ट्रान्सफॉर्मर | V = 4.44 f N Bm Ai | एक फेजी ट्रान्सफॉर्मर 2.22 f Bm Ai Aw Kw δ त्रिफेजी, कोर टाइप 3.33 f Bm Ai Aw Kw δ त्रिफेजी, शेल्ल टाइप 6.66 f Bm Ai Aw Kw δ | V = प्राइमरी वोल्टता, f = आवृत्ति, N =प्राइमरी में फेरे, Bm=अधिकतम फ्लक्स घनत्व, Ai=कोर क्षेत्रफल, Aw=विन्डो क्षेत्रफल, Kw=विन्डो उपयोग गुणांक, δ =चालकों में धारा घनत्व |
डी सी मशीन | V = Z N P Φ / (60 A) | π2(Bav) (ac) D2 L n | Z=चालकों की संख्या , N=RPM, P=पोलों की संख्या, Φ=प्रति पोल फ्लक्स, A=समान्तर पथों की संख्या Bav=एयर-गैप में औसत फ्ल्क्स =PΦ/πDL, ac=specific electrical loading = amp-conductors/परिधि, D=आर्मेचर का व्यास, n=मोटर की चाल (चक्र/सेकेण्ड) L=कोर की लम्बाई |
ए सी मशीन प्रेरण/तुल्यकालिक | Vph =4.44 f Φ Tph Kw | 1.11 π2 Bav (ac) Kw D2 L ns =11 Bav (ac) Kw D2 L ns | Tph=Turns/phase , Kw=winding factor ns=सिन्क्रोनस चाल (चक्र/सेकेण्ड) |