विद्युत प्रतिरोध
किसी प्रतिरोधक के सिरों के बीच विभवान्तर तथा उससे प्रवाहित विद्युत धारा के अनुपात को उसका विद्युत प्रतिरोध (electrical resistannce) कहते हैं।इसे ओह्म में मापा जाता है। इसकी प्रतिलोमीय मात्रा है विद्युत चालकता, जिसकी इकाई है साइमन्स।
जहां
- R वस्तु का प्रतिरोध है, जो ओह्म में मापा गया है, J·s/C2के तुल्य
- V वस्तु का विभवांतर है, जिसे वोल्ट में मापा जाता हैं
- ।
- I वस्तु से होकर जाने वाली विद्युत धारा है, एम्पीय़र में मापी गयी।
बहुत सारी वस्तुओं में, प्रतिरोध विद्युत धारा या विभवांतर पर निर्भर नहीं होता, यानी उनका प्रतिरोध स्थिर रहता है।
समान धारा घनत्व मानते हुए, किसी वस्तु का विद्युत प्रतिरोध, उसकी भौतिक ज्यामिति (लम्बाई, क्षेत्रफल आदि) और वस्तु जिस पदार्थ से बना है उसकी प्रतिरोधकता का फलन है।
जहाँ
- l उसकी लम्बाई है
- A अनुप्रस्थ परिच्छेद क्षेत्रफल है, और
- ρ वस्तु की प्रतिरोधकता है
इसकी खोज जार्ज ओह्म ने सन 1820 ई. में की। [1], विद्युत प्रतिरोध यांत्रिक घर्षण के कुछ कुछ समतुल्य है। इसकी SI इकाई है ओह्म (चिन्ह Ω) prtrodh=volt/ampiyer
विभिन्न पदार्थों की प्रतिरोधकता
द्रव्य/पदार्थ | प्रतिरोधकता, ओह्ममीटर |
---|---|
अतिचालक | 0 |
धातु | |
अर्धचालक | अस्थिर |
विद्युत अपघट्य | अस्थिरांक |
विद्युत रोधी |
सन्दर्भ
- ↑ "Ohm discovers resistance during 1825-30". मूल से 24 जून 2008 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 13 जून 2008.