विद्युतचुंबकीय वर्णक्रम
γ= गामा किरण | MIR= मध्य अधोरक्त | HF= उच्चावृत्ति |
HX= सख्त एक्स रे | FIR= दूरवर्ती अधोरक्त | MF= मध्यम आवृत्ति |
SX= कोमल एक्स रे | रेडियो तरंग | LF= निम्न आवृत्ति |
EUV= अत्यंतपराबैंगनी | EHF= अत्यधिक उच्च आवृत्ति | VLF= अति निम्न आवृत्ति |
NUV= निकट परबैंगनी | SHF= परम उच्चावृत्ति | VF/ULF= अत्यधिक निम्न आवृत्ति (ELF) |
प्रत्यक्ष प्रकाश | UHF= अत्यन्त उच्चावृत्ति | SLF= परम निम्न आवृत्ति |
NIR= Near अधोरक्त | VHF= अत्योच्चावृत्ति | ELF= अत्यधिक निम्न आवृत्ति |
Freq=आवृत्ति |
विद्युच्चुम्बकीय वर्णक्रम विद्युच्चुम्बकीय विकिरण और उनके सम्बन्धित तरंगदैर्घ्यों और फोटॉन ऊर्जा की आवृत्तियों की क्रम (वर्णक्रम) है।
विद्युच्चुम्बकीय वर्णक्रम विद्युच्चुम्बकीय तरंगों को एक हर्त्स से नीचे से लेकर 1025 हर्त्स तक की आवृत्तियों के साथ व्याप्त करता है, जो कि हज़ारों किलोमीटर से तरंगदैर्घ्यों के अनुरूप एक परमाणु नाभिक के आकार के एक अंश तक होता है। इस आवृत्ति क्रम को विभिन्न बैण्ड में विभाजित किया गया है, और प्रत्येक आवृत्ति बैण्ड के भीतर विद्युत् चुम्बकीय तरंगों को विभिन्न नामों से पुकारा जाता है; वर्णक्रम के बढ़ती आवृत्ति और घटती तरंगदैर्घ्य में ये हैं: रेडियो तरंगें, सूक्ष्मतरंगें, अवलाल, दृश्यमान प्रकाश, पराबैंगनी, X-किरणें और गामा किरणें शामिल हैं। इनमें से प्रत्येक बैण्ड में विद्युच्चुम्बकीय तरंगों की विभिन्न विशेषताएँ होती हैं, जैसे कि वे कैसे उत्पन्न होती हैं, वे पदार्थ के साथ कैसे अन्योन्यक्रिया करती हैं, और उनके व्यावहारिक अनुप्रयोग। लम्बी और छोटी तरंगदैर्घ्य हेतु कोई ज्ञात सीमा नहीं है। अत्यधिक पराबैंगनी, नरम X-किरणों, हार्ड X-किरणोंऔर गामा किरणों को आयनकारी विकिरण के रूप में वर्गीकृत किया जाता है क्योंकि उनके फोटॉनों में परमाण्वों को आयनित करने हेतु पर्याप्त ऊर्जा होती है, जिससे रासायनिक प्रतिक्रिया होती है। आयनकारी विकिरण के सम्पर्क में आने से स्वास्थ्य को संकट हो सकता है, जिससे विकिरण रोग, डीएनए क्षति और कर्कट हो सकता है। दृश्यमान प्रकाश और लम्बी तरंगदैर्घ्य के विकिरण को अनायनकारी विकिरण के रूप में वर्गीकृत किया जाता है क्योंकि इन प्रभावों को उत्पन्न करने हेतु उनके पास अपर्याप्त ऊर्जा होती है।
अधिकांश विद्युच्चुम्बकीय वर्णक्रम में, स्पेक्ट्रोस्कोपी का उपयोग विभिन्न आवृत्तियों की तरंगों को पृथक् करने हेतु किया जा सकता है, जिससे घटक आवृत्तियों के वर्णक्रम का उत्पादन होता है। स्पेक्ट्रोस्कोपी का प्रयोग पदार्थ के साथ विद्युच्चुम्बकीय तरंगों की अन्तःक्रियाओं का अध्ययन करने हेतु किया जाता है।
परिचय
स्पेक्ट्रम के विभिन्न विभागों में सुविधा के लिए साधारणत: तरंगदैघ्य के भिन्न-भिन्न एकक प्रयुक्त होते हैं। रेडियो प्रसारण में 1 मीटर को एकक माना जाता है, तथा रेडियो के सूक्ष्म तरंग विभाग में एक मिलीमीटर को एकक माना जाता है। अवरक्त वर्णक्रम के लिए 10-4 सें.मी. का एकक प्रचलित है तथा दृश्य प्रकाश के लिए इससे भी छोटे 10-8 सें.मी. के एकक की आवश्यकता होती है। 10-4 सें. मी. के एकक को म्यू और दृश्य प्रकाश के एकक (10-8 सें.मी.) को 'आंगस्त्रम' (A) कहते हैं। प्रारम्भ में एक्सरे के लिए भी आंगस्त्रम उपयोग में लाया जाता था, किंतु एक्सरे वर्णक्रम में अधिक आविष्कार होने पर इस एकक से भी सूक्ष्म एकक की आवश्यकता होने लगी। अतः एक्सरे के लिए तथा गामा किरणों के लिए ज़ीगब्ह्रा ने एक नए एकक का उपयोग किया, जिसे एक्सरे एकक कहते हैं। यह 10-11 सें. मी. के बराबर होता है। विद्युतचुम्बकीय सिद्धान्त की दृष्टि से एक्सरे और गामा किरणों में कोई भेद नहीं है; एक्सरे प्रयोगशालाओं में उत्पन्न किए जा सकते हैं और गामा किरणें रेडियोधर्मी पदार्थो से प्राप्त होती हैं (हाल में अति प्रचंड विद्युद्विभव से गामा किरणों के तरंगदैर्घ्या के समान सूक्ष्म तरंगदैर्घ्य के एक्सरे का उत्पादन प्रयोगशाला में हो चुका है)। विद्युच्चुंबकीय वर्णक्रम में अत्यन्त स्वल्प तरंगदैर्घ्या का विभाग एक्सरे तथा गामा किरणों का है। तरंगदैर्घ्य आवृत्तियों का प्रतिलोमानुपाती होने के कारण एक्सरे और गामा किरणों की आवृत्तियाँ अन्य विद्युच्चुंबकीय विकिरणों से बहुत अधिक होती है।
विकिरण का प्रकार
मुख्यतः विकिरण तीन प्रकार के होते हैं: अल्फा, बीटा और गामा विकिरण। ये सभी एक अस्थिर परमाणु के नाभिक से उत्सर्जित होते हैं। स्वतःस्फूर्त होने वाले परमाणु विखंडन, पोजीट्रान उत्सर्जन और न्यूट्रॉन उत्सर्जन सामान्यतः कम देखने में आते हैं। इलेक्ट्रॉन ग्रसन के परिणाम से स्वतःस्फूर्त क्ष-किरण (एक्स रे) का उत्सर्जन होता है। रेडियम के कुछ आइसोटोप क्षय विधा में होते हैं जहाँ वे एक संपूर्ण 12C6</ref> नाभिक का उत्सर्जन करते हैं।
रेडियो आवृत्ति
अतिसूक्ष्म तरंग
टैरा हर्ट्ज़ विकिरण
अधोरक्त विकिरण
दृष्य प्रकाश (visible light)
पराबैंगनी प्रकाश
एक्स रे
इसकी खोज विलियम रोइंटजेन ने की थी। इसकी आवृति परिसर 10^18 से 10^16 Hz तक होता है
गामा रे
गामा किरणों की खोज बैकुरल ने की थी।
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ What is Light? Archived 2013-12-05 at the वेबैक मशीन – UC Davis lecture slides
- ↑ "The Electromagnetic Spectrum, The Physics Hypertextbook". मूल से 26 जनवरी 2008 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 23 जनवरी 2008.
- ↑ "Definition of frequency bands on vlf.it". मूल से 30 अप्रैल 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 29 जनवरी 2008.
बाहरी कङियाँ
- विद्युतचुंबकीय वर्णक्रम - इस चित्र में विद्युतचुंबकीय वर्णक्रम के विविध पहलुओं को एक ही चित्र में दर्शाया गया है।
रेडियो वर्णक्रम | ||||||||||
अत्यधिक निम्न आवृत्ति (ELF) | परम निम्न आवृत्ति (SLF) | अत्यन्त निम्न आवृत्ति (ULF) | अति निम्न आवृत्ति (VLF) | निम्न आवृत्ति (LF) | मध्यम आवृत्ति (MF) | उच्चावृत्ति (HF) | अत्योच्चावृत्ति (VHF) | अत्यन्त उच्चावृत्ति (UHF) | परम उच्चावृत्ति (SHF) | अत्यधिक उच्चावृत्ति (EHF) |
3 Hz | 30 Hz | 300 Hz | 3 किलो हर्ट्ज़ | 30 किलो हर्ट्ज़ | 300 किलो हर्ट्ज़ | 3 मैगा हर्ट्ज़ | 30 मैगा हर्ट्ज़ | 300 मैगा हर्ट्ज़ | 3 गीगा हर्ट्ज़ | 30 गीगा हर्ट्ज़ |
30 Hz | 300 Hz | 3 किलो हर्ट्ज़ | 30 किलो हर्ट्ज़ | 300 किलो हर्ट्ज़ | 3 मैगा हर्ट्ज़ | 30 मैगा हर्ट्ज़ | 300 मैगा हर्ट्ज़ | 3 गीगा हर्ट्ज़ | 30 गीगा हर्ट्ज़ | 300 गीगा हर्ट्ज़ |