विकिरण समस्थानिक
विकिरण समस्थानिक (radionuclide या radioactive nuclide या radioisotope या radioactive isotope) उन परमाणुओं को कहते हैं जिनके नाभिक अपनी अतिरिक्त ऊर्जा के कारण अस्थायी (अनस्टेबल) होते हैं। ये समस्थानिक या तो अपनी ऊर्जा को गामा किरणों के रूप में निकालते हैं, या अल्फा कण / बीटा कण के रूप में निकालते हैं या अपनी ऊर्जा को अपने ही किसी इलेक्ट्रॉन को दे देते हैं जिससे वह परमाणु से निकल जाता है। इस प्रक्रिया को रेडियो सक्रिय क्षय कहते हैं।
1,000 से भी अधिक रेडियो समस्थानिक ज्ञात हैं। इनमें से लगभग ५० तो प्राकृतिक रूप से पाये जाते हैं। शेष सभी नाभिकीय अभिक्रियाओं में सीधे उत्पन्न होते हैं या नाभिकीय अभिक्रायाओं के उत्पादों से व्युत्पन्न होते हैं।
उदाहरण -
- P-32 कैंसर का पता लगाने एवं उसके उपचार के लिये, विशेषकर आँखों और त्वचा में , रक्त बिमारयो मे तथा ल्यूकोरिया आदि बिमारयो के उपचार मे। edited by guddu bhagat
- Fe-59 रक्त क्षीक्षता (anemia) का पता लगाने के लिये
- Co-60 ट्यूमर का गामा-किरण से विकिरण करने के लिये
- Tc-99m मस्तिष्क, थायरायड, यकृत, अस्थि-मज्जा, फेफड़े , हृदय, तथा आंतों की स्कैनिंग के लिये। रक्त के आयतन का पता लगाने के लिये।
- I-131 थॉयरायड के कार्य की जाँच करने और उसका उपचार करने हेतु
- Xe-133 फेफड़ों की इमेजिंग के लिये
- Au-198 यकृत रोगों का पता लगाने के लिये