वारुणी (बहुविकल्पी)
वारुणी का सामान्य अर्थ मदिरा है। हिन्दू कथाओं में समुद्र मन्थन में निकले १४ रत्नों में से एक और वरुण की पत्नी माना जाता है।
इसका निम्नलिखित आर्थों में प्रयोग होता है:
- वारुणी - हिन्दू कथाओं में समुद्र मन्थन में निकले १४ रत्नों में से एक और देवता वरुण की पत्नी।
- मदिरा - ताल अथवा खजूर से निर्मित मदिरा।[1]
- वारुणी योग - ज्योतिष में वर्णित एक योग; चैत्र माह की त्रयोदशी को शतभिषा नक्षत्र का होना।
- वारुणी पंचकोसी यात्रा - वाराणसी में एक परिक्रमा यात्रा।[2][3]<ref"उत्तरकाशी: पूर्व विधायक विजयपाल सजवाण ने वरुणाघाटी में किया जनसंपर्क अभियान". हिन्दू लाइव, देहरादून (उत्तराखंड). https://www.hindulive.com/uttarakhand/uttarkashi/former-mla-vijaypal-sajwan-did-public-relations-campaign-in-varunaghati/. अभिगमन तिथि: 31 मार्च 2021.</ref>उत्तरकाशी जिले में वारुणी यात्रा
सन्दर्भ
- ↑ प्राचीन भारत में रसायन का विकास. सुबोध प्रकाशन. पृ॰ २४५. अभिगमन तिथि २४ अगस्त २०१५.
- ↑ "वारुणी पंचकोसी यात्रा की तैयारियां शुरू". हिन्दुस्तान टाइम्स. ८ मार्च २०१०. अभिगमन तिथि 23 अगस्त 2015.
- ↑ {{समाचार सन्दर्भ|title=आस्था का प्रतीक वारुणी यात्रा|url=http://www.jagran.com/uttarakhand/uttarkashi-9030007.html%7Caccessdate=२४[मृत कड़ियाँ] अगस्त २०१५|publisher=दैनिक जागरण|date=१९ मार्च २०१२