वायुगतिकीय बल
तरल यांत्रिकी में वायुगतिकीय बल (Aerodynamic force) वह बल होता है जो किसी तरल (गैस या द्रव) में हिलती हुई वस्तु स्वयं पर उस तरल द्वारा अनुभव करती है। उदाहरण के लिए वायु में हिलते हुए पक्षी के पर को उत्थापन (ऊपर उठने) का बल अनुभव होता है। उस पंख पर वायु का कर्षण भी होता है, जो उसकी हिलने की दिशा से विपरीत दिशा का बल होता है।[1][2]
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ Massey, B. S. (Bernard Stanford) (1998). "10.8.2". Mechanics of fluids. Vol. 2. Ward-Smith, A. J. (Alfred John) (7th ed.). Cheltenham, England: S. Thornes. ISBN 0-7487-4043-0. OCLC 40928151.
- ↑ Anderson, John D., Jr. (John David), 1937- (1999). "2.2". Aircraft performance and design. Boston: WCB/McGraw-Hill. ISBN 0-07-001971-1. OCLC 40076736.