सामग्री पर जाएँ

वातगर्त

सतह के ऊपर असंगठित तथा कोमल शैलों को पवन अपने अपवाहन या उडाव की क्रिया से प्रभावित करके उनके ढ़ीले कणों को उडा ले जाती हैं, जिस कारण अनेक छोटे-छोटे गर्तो का निर्माण होता हैं। धीरे-धीरे इन गर्तो का आकार और गहराई दोनो बडने लगते हैं। इनका आकार एक प्लेट की तरह होता हैं। इन्हें अपवाहन बेसिन कहते हैं।चूँकि इन गर्तों का निर्माण पवन द्वारा होता है,अतः इन्हें((पवन गर्त))या((वात गर्त))(blowout) भी कहते हैं संयुक्त राज्य अमेरिका के ग्रेट प्लेन्स के लघु आकार वाली इन स्थलाक्र्तियों को बफैलो वालोस तथा मंगोलिया में पांग कियांग कहते हैं।