वसई किला
बसेन दुर्ग (पुर्तगाली: Fortaleza de São Sebastião de Baçaim, मराठी: वसई चा किल्ला), जिसे फोर्ट बसेन या वसई किला भी कहते हैं, महाराष्ट्र के पालघर जिले के वसई गांव में स्थित एक विशाल दुर्ग है। वसाई किला एक राष्ट्रीय महत्व का स्मारक है और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा संरक्षित है।
बसेन नाम पुर्तगाली शब्द "बासाइ" (Baçaim) का अंग्रेजी संस्करण है, जिसका कनेक्शन उत्तर कोंकण क्षेत्र के वासा कोंकणी आदिवासी लोगों से माना जाता है, जो मुंबई से दक्षिण गुजरात तक फैले हुए हैं। दुर्ग का पूरा पुर्तगाली नाम "फोर्टलेज़ा डे साओ सेबास्टियोन डी बासाइ" (वसई के सेंट सेबेस्टियन का किला) है।
१५वीं शताब्दी में उत्तर कोंकण तट की खोज करने वाले पुर्तगालियों ने खंबत की सल्तनत को किले का निर्माण (पुनर्निर्माण या विस्तार) करते देखा, और इसे जीतने के लिए इस पर आक्रमण किया। बाद में, अधिक व्यवस्थित प्रयासों के बाद, खंबत की सल्तनत ने सेंट मैथ्यू की संधि पर हस्ताक्षर किए, और यह दुर्ग पुर्तगाल को सौंप दिया।
१७३९ में यह दुर्ग मराठों के अधिकार में आया। १७७४ में अंग्रेज़ों ने इस दुर्ग पर कब्ज़ा कर लिया, और फिर १७८३ में सालबाई की संधि के तहत मराठों को वापस किया। १८१८ में अंग्रेज़ों ने पुनः पूरे क्षेत्र पर अधिकार स्थापित कर दिया था। इस दुर्ग ने प्रथम आंग्ल-मराठा युद्ध में भी प्रमुख भूमिका निभाई।
सन्दर्भ
- Rossa, Walter (2012). "Vasai Fort: Historical Background and Urbanism". Heritage of Portuguese Influence. मूल से 24 सितंबर 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 29 July 2015.
- Mendiratta, Sidh Losa (2012). "St. Sebastian Fort: Military Architecture". Heritage of Portuguese Influence. मूल से 24 सितंबर 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 29 July 2015.
- Mendiratta, Sidh Losa (2012). "Dispositivos do Sistema Defensivo da Província do Norte do Estado da Índia (1521-1739)". PhD Thesis, Coimbra University. मूल से 5 सितंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 17 फ़रवरी 2018.