वरदान (प्रेमचंद का उपन्यास) |
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लेखक | प्रेमचंद |
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देश | भारत |
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भाषा | हिंदी |
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विषय | साहित्य |
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प्रकाशन तिथि |
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‘सेवासदन’ के उपरांत सन् 1920 में प्रेमचंद का यह उपन्यास प्रषित हुआ । किन्तु ‘सेवासदन’ के भाँती इस उपन्यास में भाव की गरिमा और वैचारिक स्पष्टता नही थी । उपन्यास की अधिकांश कथा में क्रमशः कृत्रिमता बढ़ती चली गयी है और कल्पना की अतिशयता ने मूल कथानक को ही गडबड कर दिया है । निसंदेह ही ‘वरदान’ प्रेमचंद की एक दुर्बल कृति है ।
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उपन्यास | असरारे मुआबिद (अपूर्ण), दुर्गादास, प्रतापचन्द्र, श्यामा, प्रेमा, कृष्णा, वरदान, प्रतिज्ञा, सेवासदन, प्रेमाश्रम, निर्मला, रंगभूमि, कायाकल्प, गबन, कर्मभूमि, गोदान, मंगलसूत्र (अपूर्ण) |
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कहानी संग्रह | सप्तसरोज, नमक का दरोगा, प्रेम पचीसी, प्रेम प्रसून, सोजे वतन, नवनिधि, प्रेम पूर्णिमा, प्रेम द्वादशी, प्रेम प्रतिमा, प्रेम प्रमोद, प्रेम तीर्थ, पाँच फूल, प्रेम चतुर्थी, प्रेम प्रतिज्ञा, सप्त सुमन, प्रेम पंचमी, प्रेरणा, समर यात्रा, पंच प्रसून, नवजीवन, बैंक का दिवाला, शान्ति तथा अग्नि समाधि |
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अनुवाद | |
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बाल-साहित्य | |
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जीवनियाँ | |
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मरणोपरांत बने संग्रह | |
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प्रेमचंद की कथाओं पर आधारित फ़िल्में | |
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