वडकुनाथन मन्दिर
वडकुनाथन मन्दिर | |
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Vadakkunnathan Temple തൃശ്ശൂർ വടക്കുന്നാഥ ക്ഷേത്രം | |
धर्म संबंधी जानकारी | |
सम्बद्धता | हिन्दू धर्म |
देवता | शिव |
त्यौहार | महा शिवरात्रि |
अवस्थिति जानकारी | |
अवस्थिति | त्रिस्सूर |
ज़िला | त्रिस्सूर ज़िला |
राज्य | केरल |
देश | India |
भौगोलिक निर्देशांक | 10°31′27.98″N 76°12′51.8″E / 10.5244389°N 76.214389°Eनिर्देशांक: 10°31′27.98″N 76°12′51.8″E / 10.5244389°N 76.214389°E |
वास्तु विवरण | |
प्रकार | (केरल शैली) |
निर्माता | परशुराम |
निर्माण पूर्ण | अज्ञात (हज़ारों वर्ष होने की मान्यता) |
आयाम विवरण | |
मंदिर संख्या | 3 |
स्मारक संख्या | 1 |
वेबसाइट | |
http://vadakkunnathantemple.com/ |
वडकुनाथन मंदिर केरल के त्रिशूर नगर में स्थित एक प्राचीन शिव मंदिर है। इसे 'टेंकैलाशम' (तमिल: தென் கைலாயம்) तथा 'ऋषभाचलम्' भी कहते हैं।[1][2]
परिचय
त्रिश्शूर एक खूबसूरत प्राचीन शहर और केरल की सांस्कृतिक राजधानी है। भूतपूर्व कोचिन रियासत के महाराजा राम वर्मा (९ वां) (शक्तन तम्बुरान) (1790 – 1805) के समय त्रिश्शूर ही रियासत की राजधानि भी रही। नगर के मध्य में ही 9 एकड में फैला ऊंचे परकोटे वाला एक विशाल शिव मंदिर है जिसे वडकुनाथन कहते हैं। वडकुनाथन से तात्पर्य “उत्तर के नाथ” से है जो 'केदारनाथ' ही हो सकता है। प्राचीन साहित्य में इस बात का उल्लेख मिलता है कि इस मन्दिर में आदि शंकराचार्य के माता पिता ने संतान प्राप्ति के लिए अनुष्ठान किये थे। एक और सबंध भी है। यहाँ आदि शंकराचार्य की तथाकथित समाधि भी बनी है और उसके साथ एक छोटा सा मंदिर जिसमे उनकी मूर्ति भी स्थापित है। उल्लेखनीय है कि आदि शंकराचार्य की एक समाधि केदारनाथ मंदिर के पीछे भी है। वडकुनाथन के इस मंदिर के चारों तरफ 60 एकड में फैला घना सागौन का जंगल था जिसे शक्तन तम्बुरान ने कटवा कर लगभग ३ किलोमीटर गोल सडक का निर्माण करवाया था। यही आज का स्वराज राउंड है। किसी विलिचपाड (बैगा) के यह कह कर प्रतिरोध किये जाने पर कि ये जंगल तो शिव जी की जटाएं हैं, उस राजा ने अपने ही हाथ से उस बैगे का सर काट दिया था। इसी मंदिर के बाहर अप्रेल/मई में पूरम नामका उत्सव होता है जिसे देखने विदेशियों सहित लाखों लोग आते हैं।
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ "Lonely Planet South India & Kerala," Isabella Noble et al, Lonely Planet, 2017, ISBN 9781787012394
- ↑ "The Rough Guide to South India and Kerala," Rough Guides UK, 2017, ISBN 9780241332894