वक्त हमारा है
वक्त हमारा है | |
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वक्त हमारा है का पोस्टर | |
निर्देशक | भारत रंगाचारी |
लेखक | रुमी जाफ़री |
निर्माता | साजिद नाडियाडवाला |
अभिनेता | अक्षय कुमार, सुनील शेट्टी, आयशा जुल्का, ममता कुलकर्णी, रमी रेड्डी, अरुणा ईरानी, अनुपम खेर, टीकू तलसानिया |
संगीतकार | नदीम-श्रवण |
निर्माण कंपनी | |
प्रदर्शन तिथियाँ | 2 जुलाई, 1993 |
लम्बाई | 148 मिनट |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
वक्त हमारा है 1993 की हिन्दी भाषा की एक्शन प्रेमकहानी फ़िल्म है। इस फिल्म के सितारे अक्षय कुमार और सुनील शेट्टी थे जो अपने करियर में पहली बार किसी फिल्म को एक साथ किये थे।[1]
संक्षेप
विकास सबकुछवाला (अक्षय कुमार) एक छात्र है जो अपनी परीक्षा में बार-बार फेल होता रहता है। अपने पिता दीनानाथ सबकुछवाला (अनुपम खेर) की निराशा को वो कारण है। विकास अपनी सहछात्रा, आयशा (आयशा जुल्का) से प्यार में है। दीनानाथ के एकाउंटेंट के भतीजे सुनील चौधरी (सुनील शेट्टी) उच्च शिक्षा के लिए हरियाणा से मुंबई आता है। मुंबई में, उसके चाचा ने उसे दीनानाथ की सिफारिश के माध्यम से विकास के ही कॉलेज में भर्ती कराया। कॉलेज जाने के बाद, सुनील ममता (ममता कुलकर्णी) से मिलता है और दोनों एक दूसरे से प्यार करने लगते है। विकास और सुनील दोस्त बन जाते हैं।
इस बीच, कर्नल चिकारा (रमी रेड्डी)[2] के नेतृत्व में आतंकवादियों का एक समूह का पीछा पुलिस ने किया और वा लोग अनिच्छुक रूप से विकास की कार में एक परमाणु मिसाइल उत्पाद "क्रिप्टन" युक्त एक बैग छोड़कर भाग गए। वे अंततः क्रिप्टन को पुनः प्राप्त करने के लिए वापस आते हैं। इसे खोजने में असमर्थ होने पर, वे विकास और आयशा का अपहरण करते हैं और मांग करते हैं कि सुनील उत्पाद उन्हें वापिस करें। सुनील को क्रिप्टन मिलती है और वह इसे देने के लिए ममता के साथ जाता है। विकास और सुनील को चिकारा कुछ काम करने के लिए भेजता है। इसके बाद वे वापस आते हैं और चिकारा के कुछ आदमियों को चुपचाप मार डालते हैं और आयशा और ममता को आज़ाद कर देते हैं। वे सफलतापूर्वक नेताजी को मरने से बचाते हैं और वे कर्नल चिकारा की योजनाओं को विफल कर देते हैं। अंत में, चिकारा मर जाता है और हर कोई सुरक्षित रहता है।
मुख्य कलाकार
- अक्षय कुमार — विकास सबकुछवाला
- सुनील शेट्टी — सुनील चौधरी
- आयशा जुल्का — आयशा
- ममता कुलकर्णी — ममता
- रमी रेड्डी — चिकारा
- अरुणा ईरानी — शांति सबकुछवाला
- अनुपम खेर — दीनानाथ सबकुछवाला
- टीकू तलसानिया — तेजस राज विद्रोही
- महेश आनन्द — मेजर
- शुभा खोटे — चन्द्रमुखी
- अरुण बख़्शी — मुनीम
- विजू खोटे — इंस्पेक्टर सूरजमुखी
- गुड्डी मारुति — गुड्डी
- रागेश अस्थाना — विकास का दोस्त
- सुधीर दलवी — नेताजी रामगोपाल वर्मा
- गैविन पैकर्ड — सैम्बो
संगीत
सभी गीत समीर द्वारा लिखित; सारा संगीत नदीम-श्रवण द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
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1. | "हाँ जी हाँ माफ करना" | अलका याज्ञनिक, कविता कृष्णमूर्ति, अनुपम खेर | 7:20 |
2. | "कच्ची कली कचनार की" | कुमार सानु, आशा भोंसले | 5:16 |
3. | "कमी नहीं लड़कियों की" | उदित नारायण, विनोद राठौड़, अलका याज्ञनिक, मिताली चौधरी | 5:43 |
4. | "मैंने पी या तूने पी" | मोहम्मद अज़ीज़, अलका याज्ञनिक | 5:26 |
5. | "मौसम है मस्ताना" | उदित नारायण, अलका याज्ञनिक | 4:42 |
6. | "तुमको देखा और हो गया" | कुमार सानु, अलका याज्ञनिक | 5:36 |
7. | "ये वक्त हमारा है" | कुमार सानु, अलका याज्ञनिक | 2:53 |