वंदना शिवा
वंदना शिवा | |
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जन्म | 5 नवम्बर 1952 देहरादून, उत्तराखण्ड, भारत |
पेशा | दार्शनिक, पर्यावरणविद् |
वंदना शिवा (जन्म. 5 नवम्बर 1952, देहरादून, उत्तराखंड, भारत), एक दार्शनिक, पर्यावरण कार्यकर्ता, पर्यावरण संबंधी नारी अधिकारवादी एवं कई पुस्तकों की लेखिका हैं। वर्तमान में दिल्ली में स्थित, शिवा अग्रणी वैज्ञानिक और तकनीकी पत्रिकाओं में 300 से अधिक लेखों की रचनाकार हैं। उन्होंने 1978 में डॉक्टरी शोध निबंध: "हिडेन वैरिएबल्स एंड लोकैलिटी इन क्वान्टम थ्योरी[मृत कड़ियाँ]" के साथ पश्चिमी ओंटेरियो विश्वविद्यालय, कनाडा से अपनी पीएच.डी. की उपाधि प्राप्त की।
शिवा ने 1970 के दशक के दौरान अहिंसात्मक चिपको आंदोलन में भाग लिया। इस आंदोलन ने, जिसके कुछ मुख्य प्रतिभागी महिलाएं थी, पेड़ों की कटाई को रोकने के लिए पेड़ों के चारों तरफ मानव चक्र तैयार करने की पद्धति को अपनाया। वे वैश्वीकरण के संबंध में अंतर्राष्ट्रीय फोरम की नेताओं में से एक हैं (जेरी मैंडर, एडवर्ड गोल्डस्मिथ, राल्फ नैडर, जेरेमी रिफ़कीन आदि के साथ) और वे वैश्वीकरण में परिवर्तन लाओ (अल्टर-ग्लोबलाइज़ेशन मूवमेंट) नामक वैश्विक एकजुटता आंदोलन की एक विभूति हैं। उन्होंने कई पारंपरिक प्रथाओं के ज्ञान के पक्ष में तर्क प्रस्तुत किया है, जो कि वैदिक पर्यावरण (रैन्कर प्राइम द्वारा रचित) में दिये गए उनके साक्षात्कार से स्पष्ट है जो भारत की वैदिक विरासत की ओर आकर्षित करता है।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
वंदना शिवा का जन्म देहरादून की घाटी में हुआ जिनके पिता एक वन संरक्षक एवं माता प्रकृति प्रेम रखने वाली किसान थी। उनकी शिक्षा नैनीताल में सेंट मैरी स्कूल और जीसस एवं मैरी कन्वेंट, देहरादून में हुई। [1] शिवा एक प्रशिक्षित जिम्नास्ट थी एवं भौतिकी विज्ञान में स्नातक की अपनी उपाधि प्राप्त करने के बाद, उन्होंने गुएल्फ विश्वविद्यालय (ओंटारियो, कनाडा) से "चेंजेज इन द कन्शेप्ट ऑफ पिरियडिसिटी ऑफ लाइट" शीर्षक नामक शोध-प्रबंध के साथ विज्ञान के दर्शन में स्नातकोत्तर कला की अपाधि प्राप्त की। 1979 में, उन्होंने पश्चिमी ओंटारियो विश्वविद्यालय से अपने पीएच.डी. को पूरा किया और उपाधि प्राप्त की। उनके शोध-प्रबंध का शीर्षक "हिड्डेन वैरिएबल्स एंड लोकैलिटी इन क्वान्टम थ्योरी" था।[2] बाद में उन्होंने बंगलोर में भारतीय विज्ञान संस्थान एवं भारतीय प्रबंधन संस्थान से विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं पर्यावरण नीति पर अंतर्विषयक अनुसंधान कार्य किया।
जीवन-वृत्ति (करियर)
वंदना शिवा ने कृषि और खाद्य पदार्थ के व्यवहार एवं प्रतिमान में परिवर्तन लाने के लिए संघर्ष किया है। बौद्धिक संपदा अधिकार, जैव विविधता, जैव प्रौद्योगिकी, जैव-नीतिशास्त्र, आनुवंशिक इंजीनियरिंग उन क्षेत्रों में से हैं जिनमें शिवा ने बौद्धिक रूप से एवं कार्यकर्ता के अभियानों के माध्यम से योगदान दिया है। उन्होंने आनुवंशिक इंजीनियरिंग के विरुद्ध अभियानों के माध्यम से अफ्रीका, एशिया, लैटिन अमेरिका, आयरलैंड, स्विट्ज़रलैंड एवं ऑस्ट्रिया में हरित आंदोलन के मूलभूत संगठनों को सहायता प्रदान की है।
1982 में, उन्होंने विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं परिस्थिति विज्ञान के लिए अनुसंधान फाउंडेशन की स्थापना की, जिसने नवदान्य की रचना की। उनकी पुस्तक "स्टेयिंग अलाइव" ने तीसरी दुनिया की महिलाओं के संबंध में धारणा को पुन: परिभाषित करने में सहायता की। शिवा ने अंतर्राष्ट्रीय वैश्वीकरण मंच, महिलाओं के पर्यावरण एवं विकास संगठन एवं तीसरी दुनिया के नेटवर्क सहित भारत एवं विदेशों में सरकारों तथा गैर-सरकारी संगठनों के सलाहकार के रूप में भी कार्य किया है।
वंदना शिवा ने 2007 में स्टॉक एक्सचेंज ऑफ विज़न्स परियोजना में भाग लिया। वे वर्ल्ड फ्यूचर काउंसिल की एक पार्षद है।
फिल्म
संजीव चटर्जी एवं अली हबाशी निर्देशित अंतर्राष्ट्रीय वृत्तचित्र *वन वाटर (वृत्तचित्र) में वंदना का साक्षात्कार लिया गया है। (https://web.archive.org/web/20100313083853/http://www.onewaterthemovie.org/). "जल के साथ विश्व के बदलते संबंध के बारे में "एक पुरस्कार-विजेता वृत्तचित्र", वन वाटर को विश्व के 15 देशों में फिल्माया गया और स्कूल ऑफ कम्युनिकेशन, कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एवं फ्रॉस्ट स्कूल ऑफ म्यूजिक के बीच सहयोग के रूप में इसका निर्माण किया गया।
वंदना ने सैम बोज़्ज़ो द्वारा निर्मित विशिष्ट वृत्तचित्र ब्लू गोल्ड: वर्ल्ड वाटर वार्सBlue Gold: World Water Wars में अभिनय किया है।
वंदना ने आइरिना सैलिना के वृत्तचित्र फ्लो: फॉर लव ऑफ वाटरFlow: For Love of Water में अभिनय किया है जो 2008 के सन्डान्स फिल्म महोत्सव में प्रतियोगिता में थी।
वंदना ने डर्ट! नामक वृत्तचित्र में अभिनय किया है।यह फिल्म 2009 के सन्डान्स फिल्म महोत्सव में प्रतियोगिता में थी।
उन्होंने बड़े निगमों का विरोध करते हुए वृत्तचित्र दॅ कॉर्पोरेशन में बीज कार्यकर्ता के रूप में कार्य किया है, एवं उन्होंने "फेड अप!:जेनेटिक इंजीनियरिंग, इन्डस्ट्रियल एग्रीकल्चर एंड सस्टेनेबल अल्टरनेटिव्स" नामक वृत्तचित्र में भी अभिनय किया है।Fed up!:Genetic Engineering, Industrial Agriculture and Sustainable Alternatives.
हाल ही में, उन्होंने फ्रांस के एक स्वतंत्र पत्रकार मैरी-मोनरिक रॉबिन द्वारा निर्मित वृत्तचित्र दॅ वर्ल्ड अकॉर्डिंग टू मॉन्सैंटो में अभिनय किया है।
वंदना ने दलाई लामा के बारे में दलाई लामा रिनेसां शीर्षक नामक फीचर वृत्तचित्र में भी अभिनय किया है।[3]
वंदना ने ऑन थिन आइस शीर्षक नामक पीबीएस नाऊ के वृत्तचित्र में भी अभिनय किया है।[4]
डॉ॰ शिवा ने 1999 में सिएटल के डब्ल्यू टी ओ (WTO) विरोधों के संबंध में बने एक वृत्तचित्र फिल्म दिस इज व्हाट डेमोक्रेसी लूक्स लाइक (This is What Democracy Looks Like) में भी अभिनय किया है।[5]
सम्मान
1993 में, वंदना ने राइट लाइवलीहुड पुरस्कार (जिसे "वैकल्पिक नोबल पुरस्कार भी कहा जाता है)" प्राप्त किया।..... महिलाओं एवं पर्यावरण को आधुनिक विकास संवाद के केन्द्र में रखने के लिए। "[6] उनके द्वारा प्राप्त किये गए अन्य पुरस्कारों में शामिल हैं 1993[7] में संयुक्त राष्ट्र संघ पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) का ग्लोबल 500 पुरस्कार, एवं उनके कार्यों, नेतृत्व द्वारा प्रदर्शित तथा शेष विश्व के लिए एक मिसाल स्थापित कर ग्रह की सुरक्षा के लिए उनके समर्पित प्रतिबद्धता के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ का अर्थ डे इंटरनेशनल अवार्ड.
अतिरिक्त पुरस्कारों में शामिल हैं:
- 1993: संरक्षण एवं पर्यावरण (पारिस्थितिकी) के प्रति असाधारण सेवाओं के लिए महामहिमनीदरलैंड के राजकुमार बर्नार्ड द्वारा गोल्डेन आर्क की मानद उपाधि; पर्यावरण (पारिस्थितिकी) एवं खाद्य सुरक्षा के प्रति उनके योगदान के लिए स्पेन का वीआईडीए एसएएनए (VIDA SANA) अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार
- 1995: क्षेत्र के लिए विशिष्ट योगदानों के मान्यतास्वरूप दून नागरिक परिषद, देहरादून, भारत के द्वारा प्रदान किया गया "प्राइड ऑफ द दून" पुरस्कार
- 1997: पारिस्थितिकी और पर्यावरण के प्रति उल्लेखनीय योगदान के लिए डेनमार्क का गोल्डन प्लांट पुरस्कार (पारिस्थितिकी का अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार); भारत में पारिस्थितिकीय एवं नारीवादी आंदोलन के प्रति वैज्ञानिक एवं व्यक्तिगत दोनों दृष्टि से महत्वपूर्ण योगदान प्रदान करने के लिए बार्सिलोना, स्पेन का अल्फांसो कॉमिन पुरस्कार.
- 1998: एशिया के लिए खाद्य एवं कृषि संगठन एवं दॅ पैसिफिक बैंगकोक द्वारा आयोजित 18वीं विश्व खाद्य दिवस के अवसर पर उनके महामहिम थाइलैंड की राजकुमारी महा चाकरी श्रींधोम द्वारा सम्मानस्वरूप पदक; "दॅ होराइज़न्स ऑफ हर्मीज़" के संबंध में चौवीसवें पियो मान्ज़ु अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान रिमिनी, ईटली के पियो मान्ज़ु केन्द्र के अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक समिति द्वारा प्रदान किया गया इटली गणराज्य का राष्ट्रपति पदक.
- 2000: मानव एवं खाद्य पदार्थ के बीच संबंधों के गहन चिंतन के प्रति मूल योगदानों के लिए इटली का पेलेग्रिनो अर्टूसी पुरस्कार
- 2001: मानव अधिकारों की रक्षा करने एवं शांति के संरक्षण के लिए तथा तीसरी सहस्राब्दी में एक विश्व व्यापी न्याय संगत विकास के दृष्टिकोण के लिए उनके द्वारा प्रदान की गई उपयोगी सेवा के मान्यतास्वरूप ऑस्ट्रिया का हॉराइज़न 3000 पुरस्कार.
- 2009: सेव दॅ वर्ल्ड पुरस्कार प्राप्त किया
- 2010: सिडनी शांति पुरस्कार प्राप्त किया[8]
पारिस्थितिकीय नारीवाद (इकोफेमिनिज्म)
वंदना शिवा ने वैश्विक पारिस्थितिकीय नारीवाद आंदोलन में एक प्रमुख भूमिका निभायी है। उनके लेख इम्पॉवरिंग वूमेन (महिलाओं के सशक्तीकरण) के अनुसार, शिवा यह सुझाव देती है कि भारत में महिलाओं को नियुक्त करने के प्रति अधिक केंद्रित रहने वाली एक कृषि प्रणाली को पुन:स्थापित कर कृषि के प्रति एक अधिक संपोषणीय एवं उत्पादक दृष्टिकोण प्राप्त किया जा सकता है। वे प्रचलित "बहिष्करण के पितृसत्तात्मक तर्क" के विरुद्ध दलील देती हैं और यह दावा करती हैं कि एक नारी केन्द्रित मौजूदा प्रणाली वर्तमान प्रणाली को एक अत्यंत सकारात्मक तरीके से बदल देगी.[9]
इस तरह, भारतीय और वैश्विक खाद्य सुरक्षा को केवल कृषि व्यवस्था में महिलाओं को शामिल कर नारी सशक्तीकरण के प्रति ध्यान केंद्रित कर ही लाभ प्राप्त हो सकता है।[9]
प्रकाशन
- 1981, सोशल इकॉनोमिक एंड इकोलॉजिकल इम्पैक्ट ऑफ सोशल फॉरेस्ट्री इन कोलार, वंदना शिवा, एच.सी.शरतचन्द्र, जे.बंदोपाध्याय, भारतीय प्रबंधन संस्थान, बंगलोर
- 1988, स्टेयिंग अलाइव : वूमेन, इकोलॉजी एंड सर्वाइवल
इन इंडिया, जेड प्रेस, नई दिल्ली, ISBN 0-86232-823-3
- 1991, इकोलॉजी एंड दॅ पॉलिटिक्स ऑफ सर्वाइवल
- कन्फ्लिक्ट ओवर नेचुरल रिसोर्सेज इन इंडिया, सेज पब्लिकेशन्स, थाउजेंड ओक्स, कैलिफोर्निया ISBN 0-8039-9672-1
- 1992, दॅ वायलेंस ऑफ दॅ ग्रीन रिवॉल्यूशन: ईकोलॉजिकल दिग्रेडेशन एंड पॉलिटिकल कन्फ्लिक्ट इन पंजाब, जेड प्रेस, नई दिल्ली
- 1992, बायोडाइवर्सिटी: सोशल एंड ईकोलॉजिकल पर्सपेक्टिव्स (संपादक); ज़ेड प्रेस, यूनाइटेड किंगडम
- 1993, वूमेन, ईकोलॉजी एंड हेल्थ: रिबिल्डिंग कनेक्शन्स Archived 2009-07-02 at the वेबैक मशीन (संपादक), डैग हैमर्स्कज़ोल्ड फाउंडेशन एंड काली फॉर वूमेन, नई दिल्ली
- 1993, मोनोकल्चर्स ऑफ दॅ माइंड: बायोडाइवर्सिटी एंड एग्रीकल्चर, जेड प्रेस, नई दिल्ली
- 1993, ईकोफेमिनिज्म, मारिया माइल्स एवं वंदना शिवा, फर्नवूड पब्लिकेशन्स, हैलिफैक्स, नोवा सोटिया, कनाडा, ISBN 1-895686-28-8
- 1994, क्लोज टू होम: वूमेन रिकनेक्ट इकोलॉजी, हेल्थ एंड डेवलपमेंट वर्ल्डवाइड, अर्थस्कैन महिला, लंदन, ISBN 0-86571-264-6
- 1995, बायोपॉलिटिक्स (इन्गन मोजर के साथ), जेड बुक्स, यूनाइटेड किंगडम
- 1997, बायोपाइरेसी: दॅ प्लन्डर ऑफ नेचर एंड नॉलेज, साऊथ एंड प्रेस, कैम्ब्रिज, मेसाचुसेट्स, ISBN 1-896357-11-3
- 1999, स्टोलेन हार्वेस्ट: दॅ हाइजैकिंग ऑफ दॅ ग्लोबल फूड सप्लाई, साऊथ एंड प्रेस, कैम्ब्रिज, मेसाचुसेट्स, ISBN 0-89608-608-9
- 2000, टूमॉरोज बायोडाइवर्सिटी, टेम्स एंड हडसन, लंदन, ISBN 0-500-28239-0
- 2001, पेटेंट्स, मिथ्स एंड रियलिटी, पेंग्विन इंडिया
- 2002, वाटर वार्स; प्राइवेटाइज़ेशन, पॉल्यूशन, एंड प्रॉफिट, साऊथ एंड प्रेस, कैम्ब्रिज मैसाचुसेट्स
- 2005, ग्लोबलाइजेशन्स न्यू वार्स: सीड, वाटर एंड लाइफ फॉर्म्स वूमेन अनलिमिटेड, नई दिल्ली, ISBN 81-88965-17-0
- 2005, ब्रेकफास्ट ऑफ बायोडाइवर्सिटी: दॅ पॉलिटिकल ईकोलॉजी ऑफ रेन फॉरेस्ट डिस्ट्रक्शन, ISBN 0-935028-X
- 2005, अर्थ डेमोक्रेसी; जस्टिस, सस्टेनेबिलिटी, एंड पीस, साऊथ एंड प्रेस, ISBN 0-89608-745-X
- 2007, मैनिफेस्टो ऑन दॅ फ्य़ुचर ऑफ फूड एंड सीड, संपादक, साऊथ एंड प्रेस ISBN 978-0-89608-777-4
- 2008, सॉयल नॉट ऑयल, साऊथ एंड प्रेस ISBN 978-0-89608-782-8
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ "Seeds of Self-Reliance". Time. मूल से 14 दिसंबर 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि मार्च 2, 2007.
- ↑ थेसेस कनाडा रिकॉर्ड[मृत कड़ियाँ]
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 19 अक्तूबर 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 जून 2020.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 29 मार्च 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 1 नवंबर 2010.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 24 नवंबर 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 1 नवंबर 2010.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 23 अक्तूबर 2002 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 1 नवंबर 2010.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 22 जून 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 1 नवंबर 2010.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 9 दिसंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 3 जून 2017.
- ↑ अ आ बीबीसी (BBC) न्यूज़ द्वारा वंदना शिवा: महिला सशक्तीकरण Archived 2011-06-06 at the वेबैक मशीन
बाहरी कड़ियाँ
- https://web.archive.org/web/20180407100556/https://www.navdanya.org/ वंदना शिवा का नवदन्य वेबसाइट
- दस्तावेजी "दलाई लामा नवजागरण" से दलाई लामा के साथ वंदना शिव का वीडियो
- वीडियो: "खाद्य बनाने का लोकतंत्र" - नीतिशास्त्र के लिए एमोरी विश्वविद्यालय केंद्र में व्याख्यान 2006
- ऑन एयर शिकागो सार्वजनिक रेडियो - 3-2-08 को फिर से प्रसारित
- वंदना शिवा का साउथ एंड प्रेस होमपेज
- नवदन्य - विज्ञान, प्रौद्योगिकी और पारिस्थितिकी के लिए रिसर्च फाउंडेशन (आरऍफ़एसटीई (RFSTE)) डॉ॰ शिवा द्वारा स्थापित
- वर्ल्ड फ्यूचर परिषद डब्ल्यूऍफ़सी (WFC) पर वंदना शिवा पार्षद है
- विज़न का स्टॉक एक्सचेंज: वंदना शिवा के विज़न
- पाओलो स्कोपकासा द्वारा वंदना शिवा के साथ साक्षात्कार, इकोवर्ल्ड (EcoWorld), मार्च 2004
- वंदना शिवा जीवनी, राइट लाइवलीहुड अवॉर्ड होमपेज
- गांधी के नक्शेकदम पर - स्कॉट लंदन द्वारा वंदना शिवा के साथ साक्षात्कार (रेडियो श्रृंखला 'इनसाइट और आउटलुक' से)
- वंदना शिवा पृष्ठ, तीसरी दुनिया की यात्री.
- मैकडॉनल्ड्स, शोषण और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर वंदना शिवा, वन-ऑफ़ प्रोडक्शंस, 1997.
- किसका स्वतंत्रता? किसका स्वतंत्रता?, वर्किंग टीवी, 15 जून 1998.
- वंदना शिवा. कॉर्पोरेट आतंकवाद, पुनरुत्थान पत्रिका, जनवरी 2002.
- वंदना शिवा. निजीकरण पानी युद्ध के लिए नेतृत्व करेंगे, पुनरुत्थान पत्रिका, जुलाई 2003.
- एमी गुडमैन. वंदना शिवा के साथ एक घंटा, डिमाक्रसी नाउ, 27 नवम्बर 2003.
- वंदना शिवा. भोजन का उपहार, पुनरुत्थान पत्रिका, जनवरी 2005.
- वंदना शिवा. खाद्य अर्थव्यवस्थाओं को मनाना, पुनरुत्थान पत्रिका, मार्च 2005.
- भारत में पानी में और कमी और संदूषण लाने में कोका-कोला के भागीदारी पर शिवा, बिल मोयेर्स के साथ नाउ. 5 सितंबर 2003.
- मिशिगन स्टेट विश्वविद्यालय में शिवा के व्याख्यान का एक वीडियो, इंटरनेट पुरालेख, 7 अप्रैल 2005.
- वंदना शिवा. दो मिथक जो दुनिया को गरीब रखें हैं, ओडे पत्रिका, अक्टूबर 2005. (19 अक्टूबर 2007 को अभिगम)
- महिला के अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय द्वारा वंदना शिवा के बीज बचाव कार्य पर विशेषता.
- वीडियो: खाद्य और बीज का भविष्य, पोर्टलैंड, ओरेगन में ऑर्गैनिकोलॉजी कान्फ्रन्स पर वंदना शिवा द्वारा मुख्य बात, 28 फ़रवरी 2009.
- वीडियो: पूरा भाषण "पृथ्वी के लिए लोकतंत्र" बास्क देश, मई 2009.
- ईवेल ट्विन बुकिंग एजेंसी की वेबसाइट पर वंदना शिव के वक्ता बुकिंग पृष्ठ Archived 2012-05-12 at the वेबैक मशीन
- इंटरनेट पुरालेख (archive.org) ऑडियो और वीडियो
- डिमाक्रसी नाउ! द्वारा वंदना शिवा: "यह समय है के अमेरिका स्वयं को एक दाता के रूप में न देख कर अपने आपको एक प्रदूषक के रूप में स्वीकार करे"
- "यूगद"[मृत कड़ियाँ] द्वारा "द अर्थ इज़ फेमेल - वंदना शिव का साक्षात्कार"