लैक्टोबैसिलेलीस
लैक्टोबैसिलेलीस | |
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सूक्ष्मदर्शी में स्ट्रेप्टोकोक्कस (Streptococcus) | |
वैज्ञानिक वर्गीकरण | |
अधिजगत: | बैकटीरिया (Bacteria) |
संघ: | फ़र्मीक्यूटीस (Firmicutes) |
वर्ग: | बैसिलाए (Bacilli) |
गण: | लैक्टोबैसिलेलीस (Lactobacillales) लुडविग इत्यादि, 2010 |
कुल | |
लैक्टोबैसिलेलीस (Lactobacillales) या लैक्टिक अम्ल बैक्टीरिया (lactic acid bacteria, LAB) ग्राम-धनात्मक बैक्टीरिया का एक जीववैज्ञानिक गण है, जो बैक्टीरिया के फ़र्मीक्यूटीस संघ के बैसिलाए वर्ग का भाग है। य बैक्टीरिया अक्सर अपघटित हो रहे वनस्पतियों और दूध व दूध उत्पादनों में पाए जाते हैं और इन चीज़ों पर अपनी चयापचय प्रक्रिया में कार्बोहाइड्रेट किण्वन (फ़र्मेन्टेशन) कर के लैक्टिक अम्ल बनाते हैं। मानव इतिहास में लैक्टोबैसिलेलीस की कुछ जातियों का प्रयोग इनके इस गुण के लिए करा गया है, क्योंकि खाद्य पदार्थों का अम्लीकरण उनकी ख़राब होने की प्रक्रिया को धीमा कर देता है और उनमें रोगजनक सूक्ष्मजीवियों की बढ़त में भी बाधा डालता है।[1]
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ Sonomoto, K; Yokota, A (editor) (2011). Lactic Acid Bacteria and Bifidobacteria: Current Progress in Advanced Research. Caister Academic Press. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-1-904455-82-0.सीएस1 रखरखाव: एक से अधिक नाम: authors list (link) सीएस1 रखरखाव: फालतू पाठ: authors list (link)