लूटपाट
लुण्ठन सैन्य या राजनीतिक जीत, युद्ध, प्राकृतिक आपदा या दंगे में ध्वंस के दौरान, बल द्वारा जान-माल का अंधाधुंध लेना होता है। लुण्ठन शब्द का प्रयोग साधारण चोरी या गबन के लिए भी होता है।
आधुनिक समय के युद्धों के दौरान, लुण्ठन अन्तरराष्ट्रीय विधि द्वारा निषिद्ध है, और युद्धापराध का गठन करता है।[1][2]
युद्ध में लुण्ठन
युद्ध के दौरान विजयी सेना द्वारा लुण्ठन करना इतिहास भर में साधारण रहा है। पदातिकों के लिए यह एक तरह से उनके प्रायः अल्पाय के पूरक के रूप में देखा जाता था और जीत के उत्सव का भाग हुआ करता था। उच्च स्तर पर लुण्ठन की प्रदर्शनी गर्व का एक अभिन्न अंग था। भारतीय इतिहास में मोहम्मद ग़ौरी, महमूद ग़ज़नवी, तैमूरलंग और नादिर शाह की लुण्ठन बहुत कुख्यात हैं।
इन्हें भी देखें
- ↑ "The Avalon Project - Laws of War : Laws and Customs of War on Land (Hague II); July 29, 1899". avalon.law.yale.edu. अभिगमन तिथि 2023-03-14.
- ↑ ihl-databases.icrc.org https://ihl-databases.icrc.org/en/customary-ihl/v1/rule52. अभिगमन तिथि 2023-03-14. गायब अथवा खाली
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(मदद)