लाख कीट
लाख कीट या लाक्षा कीट (Lac insect या Kerriidae ) एक जन्तु है जो लाख (लाह) पैदा करता है। लाख को लाख के कीट से प्राप्त किया जाता है। इसका स्रवण सुर्ख रंग की मादा कीट करती है जिसका उपयोग वार्निश,पॉलिश,चमड़ा मोहरी लाख इत्यादि निर्माण में होता है। लगभग दो करोड़ किग्रा.लाख का निर्माण भारत प्रति वर्ष करता है। इस कीट मे निषेचन की क्रिया एक वर्ष मे दो बार होती है। प्रथम निषेचन अवधि-अक्टूबर से नवम्बर व्दितीय निषेचन अवधि-मई से जून। शारीरिक रूप से मादा लाख कीट नर लाख कीट की अपेक्षा बड़ी होती है।
अण्डा ( Egg ) : मादा कीट लक्ष - कक्ष ( Lac - cells ) के पूणअन्दर 200 से 500 तक अण्डे देती है । अण्डे निषिक्त ( Fertilized ) तथा अनिषिक्त ( Unfertilized ) दोनों प्रकार के अण्डे देती हैं । दोनों प्रकार के अण्डों से नर तथा मादा कीट शुरू निकलते हैं । मादा कीट तीन प्रकार के अण्डे देती है 1 . ऐसी मादाएँ जिनके अण्डों से नर व मादा बराबर संख्या में । निकलते हैं ।
इन्हें भी देखें
लाख एक प्रकार का रेजिन है। लाख ऊष्मा की कुचालक होती है। लाख उत्पादन में भारत का पहला स्थान है।