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लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान

लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान
Small Satellite Launch Vehicle
कलाकार की धारणा
कलाकार की धारणा
कार्य प्रक्षेपण यान
मूल देश  भारत
आकार
ऊंचाई 34 मी
व्यास 2 मी
द्रव्यमान 120 टन
चरण 4[1]
क्षमता
500x500 किमी कक्षा, झुकाव=45° के लिए पेलोड 500 किलोग्राम (18,000 औंस)
लॉन्च इतिहास
वर्तमान स्थिति योजना
लॉन्च स्थल सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र
कुल लॉन्च 0
प्रथम चरण - एस85
इंजन 1 ठोस
द्वितीय चरण - एस7
इंजन 1 ठोस
तृतीय चरण - एस4
इंजन 1 ठोस
चतुर्थ चरण
इंजन तरल

लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान या एसएसएलवी (Small Satellite Launch Vehicle or SSLV) पृथ्वी कक्षा की निचली कक्षा में 500 किलोग्राम के लघु उपग्रहों को लॉन्च करने के लिए इसरो द्वारा विकासाधीन लॉन्च-वाहन हैं।[2] लघु उपग्रह प्रक्षेपण की पहली उड़ान सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से 2019 के मध्य में होने की सम्भावना है।

परिचालन चरण में प्रवेश करने के बाद इस वाहन का उत्पादन और लॉन्च ऑपरेशन भारतीय कंपनियों के एक संघ द्वारा एंट्रिक्स कॉर्पोरेशन के साथ किया जाने की सम्भावना है। इसके लिए भारतीय पूर्वी तट पर वैकल्पिक लॉन्च साइट के निर्माण की योजना भी हैं।[3][4][5]

वाहन विवरण

पीएसएलवी की तुलना में वाणिज्यिक रूप से कम कीमत और उच्च लॉन्च दर पर लघु उपग्रहों को लॉन्च करने के उद्देश्य से लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान विकसित किया जा रहा हैं। लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान की विनिर्माण लागत पीएसएलवी की 10% होने की उम्मीद है।[3]

अनुमानित उच्च लॉन्च दर बड़े पैमाने पर स्वायत्त लॉन्च संचालन और समग्र कम रसद पर निर्भर करती है। तुलना करने के लिए, एक पीएसएलवी लॉन्च में 600 अधिकारी शामिल होते हैं जबकि लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान के लॉन्च संचालन का प्रबंधन लगभग छह लोगों की एक छोटी टीम द्वारा किया जा सकेगा। लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान की लॉन्च तैयारी अवधि पीएसएलवी की तुलना में 1 महीनों के बजाय एक सप्ताह से भी कम होने की उम्मीद है।[6][7]

वाहन के तीन चरण ठोस प्रणोदक के होंगे तथा चौथे चरण में तरल ईधन का उपयोग किया जाएगा। वाहन विशेषता:[8][9]

  • ऊंचाई: 34.0 मीटर
  • व्यास : 2.0 मीटर
  • द्रव्यमान : 120 टन

नियोजित लॉन्च

दिनांक/समय (यु.टी.सी) रॉकेट,
विन्यास
प्रक्षेपण स्थल पेलोड कक्षा ग्राहक
सितम्बर

2019[10]

एसएसएलवी प्रथम लांच पैडपृथ्वी कक्षा की निचली कक्षा
एसएसएलवी-डी1, पहली विकासाधीन उड़ान
नवम्बर 2019[10]एसएसएलवी प्रथम लांच पैडपृथ्वी कक्षा की निचली कक्षा
एसएसएलवी-डी2, दूसरी विकासाधीन उड़ान

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

  1. "ISRO is developing a small rocket to cash in on the small-satellite boom". मूल से 3 सितंबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2 September 2018.
  2. Gunter's space page: SSLV Archived 2018-08-17 at the वेबैक मशीन
  3. "Isro to rope in industry majors for mini-PSLV project - Times of India". The Times of India. अभिगमन तिथि 2018-09-02.
  4. "ISRO, Antrix to involve private sector in SSLV biz". @businessline (अंग्रेज़ी में). मूल से 26 अगस्त 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2018-09-02.
  5. IANS (2018-09-02). "There's big money to make in space business for Indian firms: Antrix chief". Business Standard India. मूल से 4 सितंबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2018-09-02.
  6. "India's 19 upcoming missions, and ISRO's Small Satellite Launch Vehicle (SSLV) | SpaceTech Asia". SpaceTech Asia (अंग्रेज़ी में). 2018-08-28. मूल से 11 सितंबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2018-09-02.
  7. "ISRO developing vehicle to launch small satellites". Frontline (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2018-09-02.[मृत कड़ियाँ]
  8. "ORF on Twitter". Twitter (अंग्रेज़ी में). मूल से 17 फ़रवरी 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2018-09-02.
  9. Narayan Prasad (2018-07-04), Dr. Somnath on ISRO's Roadmap and Indian Launch Vehicles at Toulouse Space Show 2018, मूल से 16 अगस्त 2018 को पुरालेखित, अभिगमन तिथि 2018-09-02
  10. Kumar, Chethan (12 August 2018). "Isro aims to launch 22 missions in 2019; 50 in 3 years". TNN. मूल से 17 सितंबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2 September 2018.