लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षा विश्वविद्यालय, ग्वालियर
लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षा विश्वविद्यालय, ग्वालियर भारत का एक विश्वविद्यालय है।
परिचय
जब स्वाधीन भारत ने सन् 1857 के प्रथम स्वाधीनता संग्राम का शताब्दी वर्ष मनाया तो यह तय किया गया कि ग्वालियर में झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की स्मृति में एक शारीरिक शिक्षा महाविद्यालय स्थापित किया जायेगा।
ग्वालियर नगर के प्रथम महापौर पहाड़गढ़ के राजा पंचमसिंह की इस संस्था की स्थापना में बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका रही। वे स्वयं एक अच्छे निशानेबाज थे। रियासत के दौर में जहां घुड़दौड़ व पोलो का मैदान था, वहीं इस संस्था की शुरुआत हुई। भारत के श्रेष्ठ शारीरिक शिक्षाविद् प्रो॰ पी एम जोसेफ इस संस्था के पहले प्रिंसिपल नियुक्त किये गये। शारीरिक शिक्षा के क्षेत्र में केवल पी.एम. जोसेफ ही हैं, जिन्हें पद्मश्री अलंकरण से नवाजा गया।
इस संस्थान का प्रारंभ विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन से सम्बद्ध महाविद्यालय के रूप में हुआ। ग्वालियर में जीवाजी विश्वविद्यालय की स्थापना के बाद सन् 1964 में यह उसके अन्तर्गत आ गया। राष्ट्रीय महत्त्व को ध्यान में रखते हुये सन् 1973 में इसका नामकरण 'लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षा महाविद्यालय' (एलएनसीपीई) किया गया। सन् 1982 में ' स्वायत्तशासी ' संस्था का दर्जा हासिल करने के बाद सितम्बर 1995 में इसे सम विश्वविद्यालय का दर्जा प्रदान किया गया। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने 14 जनवरी 2009 को इसे पूर्ण विश्वविद्यालय का दर्जा प्रदान किया।
विभाग
लक्ष्मीबाई रष्ट्रीय शारीरिक शिक्षा विश्वविद्यालय में इस समय सात विभाग संचालित हैं। टीचर एज्यूकेशन विभाग में चार वर्षीय बैचलर ऑफ फिजीकल एज्यूकेशन (बीपीई) व दो वर्षीय पाठयक्रम मास्टर ऑफ फिजीकल एज्यूकेशन (एमपीई) संचालित है। रिसर्च डेवलपमेंट एंड एंडवांस्ड् स्ट्डीज डिपार्टमेंट में एम-फिल व पीएचडी की उपाधि प्रदान की जाती है। खेल प्रबंधन व खेल पत्रकारिता विभाग अपेक्षाकृत नया विभाग है। समाचार पत्र, रेडियो, टेलीविजन व वेब माध्यमों में खेल पत्रकारिता के विस्तृत होते क्षेत्र को ध्यान में रखते हुये प्रशिक्षित खेल पत्रकार तैयार करने के लिये यहां खेल पत्रकारिता में एक वर्षीय पीजी डिप्लोमा पाठयक्रम चलाया जा रहा है। ऐसा ही एक पाठयक्रम खेल प्रबंधन के क्षेत्र में भी संचालित है।
प्रशिक्षण एवं दक्षता विभाग (कोचिंग एंव फिटनेस) क्रीड़ा प्रशिक्षण में पीजी डिप्लोमा व सर्टिफिकेट कोर्स संचालित करता है। युवा कार्यक्रम एवं खेल विभाग साहसिक खेल एवं पर्यटन प्रबंधन में (एकवर्षीय) स्नातकोत्तर पत्रोपाधि प्रदान करता है। स्वास्थ्य विज्ञान एवं योग विभाग, वैकल्पिक चिकित्सा, योग व फिटनेस मैनेजमेंट आदि विषयों में विभिन्न पाठयक्रम संचालित करता है। कम्प्यूटर विज्ञान एवं अनुप्रायोगिक सांख्यिकी विभाग, सूचना प्रौद्योगिकी व सांख्यिकी के पाठयक्रम संचालित करता है।
एलएनयूपीई में सेना द्वारा प्रायोजित खिलाड़ियों के प्रशिक्षण के लिये विशेष पाठयक्रम आयोजित किये जाते हैं। बकौल मेजर जनरल एस एन मुखर्जीं एलएनयूपीई लंबे समय तक एशिया की सर्वश्रेष्ठ संस्थाओं में शुमार होती रही है। अब हम इसे विश्वस्तर की श्रेष्ठ संस्था बनाने के लिये युध्दस्तर पर प्रयासरत हैं। विस्तार देने के लिये हाल में गुवाहाटी व देहरादून में एलएनयूपीई के दो केन्द्र भी स्थापित किये गये हैं।