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रोङ

पौराणिक इतिहास के अनुसार रोड एक क्षत्रिय जाति है, जिसका इतिहासिक संबंध अफ़ग़ानिस्तान के काबुल तथा नंगरहार, हरियाणा मे स्थित कुरुक्षेत्र तथा पाकिस्तान में स्थित सिंध प्रांत से है। भाट वर्णन अनुसार पद्मपुराण में वर्णित यायती के वंशजो में से एक राजा रुरु हि सर्वप्रथम रोड़ कुमार के नाम से जाने गए थे, राजा रुरु राजा कुरु के सगे सम्बन्धी थे, उन्होंने आधुनिक कुरुक्षेत्र में स्थित ब्रह्मसरोवर का निर्माण करवाया था। एक अन्य कुरुवंशी शासक सम्राट धज रोड कुमार ने सन 450ई°पू में रोड राजवंश की स्थापना की थी। जिसने आधुनिक सिंध, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा तथा पश्चिम उत्तर प्रदेश के भू-भाग पर शासन किया था। सम्राट धज नें सिंध में रोडी-शंकर नामक नगर की स्थापना की, जो आज भी रोहड़ी तथा शुक्कुर नामक दो शहरो में विभाजित है। इसके अतिरिक्त सिंध का अल-रोड़/अरोड़(प्राचीन रोडुका) शहर रोड़ शासको की प्रमुख राजधानीयों में से एक थी, बौद्ध जातक कथाओं अनुसार रोडुका के शासक पाटलिपुत्र के शास्को के साथ सम्पूर्ण वर्चस्व हेतु परस्पर प्रतिस्पर्धा करते थे इसके सन्दर्भ में दिव्यावदाना में एक कथन प्रसिद्ध है "यदा पाटलीपुत्रम संवर्तते तदा रोडुकम विवर्तते ", उस समय रोडुका पर राजा रुद्रायन का शासन था तथा पाटलिपुत्र राजा बिम्बीसार के अधीन था। चीनी अधिकृत पूर्वी-तुर्कीस्तान (शिंजियांग) प्रांत में स्थित प्राचीन लोलान(रोडान का अपभ्रंश) शहर का सम्बन्ध भी रोड़ जाति हि था, इसके सन्दर्भ में जर्मन विद्वान प्रॉ लूडर्स नें लिखा है की रोडुका से पलायन करके रोड़ान बसाया गया, जो बाद में अपभ्रंश होकर लोलान हो गया। रोड़ान साम्राज्य के शासक स्वयं को महाराजा अधिराज, तथा देवपुत्र आदि उपाधियों से अलंकृत करते थे। जिनमे प्रमुख शासक राजा वासुमन तथा राजा माहिरी को माना जाता है। रोड़ जाति मुख्य रूप से हरियाणा, उत्तर प्रदेश, तथा उत्तराखंड जैसे क्षेत्रीय में निवास करती है। हरियाणा के प्रसिद्ध अभिनेता समर्थ कैमलिया रोड़ जाति से आते हैं और खिलाड़ी नीरज चोपड़ा भी रोड़ जाति से हि आते हैं। जिन्होंने ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतकर भारत वह अपने रोड समाज का नाम पूरे विश्व में विख्यात कर दिया।