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रेल

रेल
अमेरिका में कोलम्बिया नदी के किनारे पटरी पर रेलगाड़ी खींचते हुए चार इंजन
पहाड़ों में रेल सुरंग और पुल

रेल (Rail) परिवहन का एक ज़रिया है जिसमें यात्रियों और माल को पटरियों पर चलने वाले वाहनों पर एक स्थान से दुसरे स्थान ले जाया जाता है।[1] पारम्परिक रूप से रेल वाहनों के नीचे पहियें होते हैं जो इस्पात (स्टील) की बनी दो पटरियों पर संतुलित रूप से चलते हैं, लेकिन आधुनिक काल में चुम्बकीय प्रभाव से पटरी के ऊपर लटककर चलने वाली 'मैगलेव' (maglev) और एक पटरी पर चलने वाली 'मोनोरेल' जैसी व्यवस्थाएँ भी रेल व्यवस्था में गिनी जाती हैं। रेल की पटरी पर चलने वाले वाहन अक्सर एक लम्बी पंक्ति में एक दुसरे से ज़ंजीरों से जुड़े हुए डब्बे होते हैं जिन्हें एक या एक से अधिक कोयले, डीज़ल, बिजली या अन्य ऊर्जा से चलने वाला इंजन (engine) खेंचता है। इस तरह से जुड़े हुए डब्बों और इंजनों को 'रेलगाड़ी' या 'ट्रेन' (train) बुलाया जाता है।[2]

अन्य भाषाओँ में

वैसे तो 'रेल' शब्द लगभग सभी भाषाओँ में प्रवेश कर चुका है फिर भी बहुत सी भाषाओँ में इसके लिए स्थानीय शब्द गढ़े गए हैं। ध्यान दीजिये कि यह शब्द कोषों और सरकारी दस्तावेज़ों में तो मिलतें हैं लेकिन अक्सर सामान्य प्रयोग में नहीं हैं। बहुत सी भाषाओँ में रेल को 'लोहे का मार्ग' या 'लोहे के मार्ग पर चलने वाला वाहन' जैसे विचार लेकर शब्दों का आविष्कार किया गया है। उदाहरण के लिए:

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

  1. "पृष्ठ क्रमाँक ३३-३४ बाल ज्ञान- विज्ञान एन्साइक्लोपीडिया संचार-परिवहन [[आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰]] 978-81-85134-54-3". मूल से 20 जनवरी 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 1 दिसंबर 2012.
  2. TrainsOxford reds Archived 2014-09-28 at the वेबैक मशीन, Dennis Hamley, Oxford University Press, 2001, ISBN 978-0-19-910653-0


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