रुम्मिनदेई स्तम्भलेख या लुम्बिनी स्तम्भलेख (Lumbini pillar inscription) नेपाल के लुम्बिनी में स्थित एक अशोक स्तम्भ पर ब्राह्मी लिपि में अंकित सन्देश है जिसकी खोज दिसम्बर १८९६ में अलोइस एन्टन फुहरर (Alois Anton Führer) ने की थी।[1] इसी क्षेत्र में पास में ही एक दूसरा प्रसिद्ध अभिलेख मिला है जो इसी विषय से सम्बन्धित है। (देखें, निगाली सागर)
सम्राट अशोक का साम्राज्य , 260 ईशापूर्व । लुंबिनी सम्राट अशोक के अधिकार छेत्र में
१९०१ में लुम्बिनी स्तम्भ का पश्चिम से लिया गया छायाचित्रलुम्बिनी स्तम्भ के भग्नावशेष ; १९०१ में उस स्थल की अनुप्रस्थ काट[2]
1896 में खोज के समय लुंबिनी रुम्मिनदेई स्तंभ, शिलालेख के स्थान के साथ, जो जमीन के स्तर से लगभग 1 मीटर नीचे छिपा हुआ था।[5][6]
खोज के पश्चात
स्तम्भ की वर्तमान स्थिति वहीं है जहाँ इसे पाया गया था। किन्तु अंकित सन्देश अब आँख के ऊँचाई पर आ गया है क्योंकि स्तम्भ के आधार की मिट्टी हटा दी गयी है।
सन्दर्भ
↑Smith, Vincent A. (1897). "The Birthplace of Gautama Buddha". The Journal of the Royal Asiatic Society of Great Britain and Ireland: 615–621. JSTOR25207888.
↑"डॉ. फ्यूहरर निग्लिवा से रुम्मिनदेई गए जहां एक और प्रियादासिन लाट की खोज की गई है... और सतह से लगभग 3 फीट नीचे एक शिलालेख, नेपालियों द्वारा खोजा गया था। in Calcutta, Maha Bodhi Society (1921). The Maha-Bodhi (अंग्रेज़ी में). पृ॰ 226.
↑Handbuch der Orientalistik de Kurt A. Behrendt p. 39
↑Handbuch der Orientalistik de Kurt A. Behrendt p. 39
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