राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो
राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (अंग्रेजी: National Crime Records Bureau, एन सी आर बी) भारत सरकार, गृह मंत्रालय के साथ संलग्न एक कार्यालय है। नई दिल्ली स्थित इस ब्यूरो का प्रमुख उद्देश्य भारत की पुलिस के आधुनिकीकरण व सूचना प्रौद्योगिकी में सशक्त करना है।[1]
यह ब्यूरो देश भर में "अपराध अपराधी सूचना प्रणाली" (Crime Criminal Information system, CCIS, सी.सी.आई.एस.) के अंतर्गत प्रत्येक राज्य अपराध रिकार्ड ब्यूरो एवं जिला अपराध रिकार्ड ब्यूरो में 762 सर्वर-आधारित कम्प्यूटर सिस्टम स्थापित कर चुका है, ताकि अपराध, अपराधियों एवं अपराधियों की सम्पत्ति से संबंधित राष्ट्रीय स्तर के डाटा बेस को व्यवस्थित किया जा सके। इसके अतिरिक्त यह ब्यूरो "अपराध एवं अपराधी खोज नेटवर्क और प्रणाली" (Crime and Criminal Tracking Network and Systems, CCTNS, सी.सी.टी.एन.एस.) को भी कार्यान्वित कर रहा है, जो भारत सरकार के राष्ट्रीय ई-गर्वनेंस योजना के अंतर्गत एक मिशन मोड परियोजना है।[]
बजट
आर्थिक मामलों की केबिनेट समिति ने 19 जून 2009 को अपराध अपराधी खोज नेटवर्क प्रणाली परियोजना को मंजूरी देते हुए 2000 करोड़ रुपए का आबंटन किया।[]
उद्देश्य
इसके निम्नलिखित उद्देश्य है[] :
- पुलिस थाना स्तर एवं विभिन्न स्तरों पर पुलिस कार्यालयों में प्रकृयाओं एवं कार्यों को स्वचालित करते हुए पुलिस कार्य प्रणाली को नागरिक मैत्रीपूर्ण, पारदर्शी, जवाबदेह प्रभावी एवं कार्यकुशल बनाना।
- सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (आई.सी.टी.) के प्रभावी प्रयोग के माध्यम से नागरिक-केंद्रित सेवाओं को प्रदान करने में सुधार करना।
- अपराधियों को खोजने और अपराध की और अधिक तेजी से एवं सही जांच के लिए जांच अधिकारियों को उपकरण, तकनीक एवं सूचना उपलब्ध करवाना।
- पुलिस कार्य प्रणाली के अन्य क्षेत्र जैसे कानून एवं व्यवस्था, यातायात प्रबंधन, संगठित अपराध पर रोक लगाने, संसाधन प्रबंधन आदि में सुधार लाना।
- पुलिस थानों, जिलों, राज्य मुख्यालयों एवं संगठनों / संस्थाओं तथा भारत सरकार के स्तर पर आपस में डाटा एकत्रित करने, संचय, पुन: प्राप्ति, विश्लेषण, अन्तरण एवं सूचना के आदान-प्रदान को सुविधाजनक बनाना।
- पुलिस बल के बेहतर प्रबंधन के लिए वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का अनुकूलन एवं सहायता।
- अपराध एवं अपराधी जांच तथा अभियोजित मामलों की प्रगति का ब्यौरा रखना, जिसमें न्यायलयों में मामलों की प्रगति भी शामिल है।
- मैन्युल तथा निरर्थक रखे हए रिकार्ड में कमी लाना।
अपराध एवं अपराधी खोज नेटवर्क और प्रणाली
अपराध एवं अपराधी खोज नेटवर्क और प्रणाली अर्थात् सी.सी.टी.एन.एस. राज्यों/संघ शासित प्रदेशों के सभी पुलिस थानों एवं राज्य/संघ शासित प्रदेशों के मुख्यालयों तथा उनके उच्च कार्यालयों को भी कवर करेगा। विभिन्न पुलिस कार्यालयों के बीच डाटा अन्तरण एवं सूचना के आदान-प्रदान हेतु हाई स्पीड कनेक्टिविटी प्रदान करके इन सभी स्थानों को नेटवर्क पर लाने का कार्य होगा। साफ्टवेयर विकास में भारत की अग्रणी कंपनी विप्रो को अधिकृत किया गया है। []
अंगुलि छाप पहचान प्रणाली
राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो पहला संगठन है जिसने भारत में स्वचालित अंगुलि छाप पहचान प्रणाली (Automated Finger Print Identification System, AFIS) को स्थापित किया है जिसे "अंगुलि छाप विश्लेषण एवं अपराधी खोज प्रणाली" (Fingerprint Analysis and Criminal Tracking System, FACTS) नाम दिया गया है जो कि वर्तमान में विश्व में केवल गिनती के देशों में ही उपलब्ध है। डिजीटाईज्ड अंगुलि छाप डाटाबेस को भी राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो में व्यवस्थित किया जा रहा है।[] निकट भविष्य में, अपराध एवं अपराधी खोज नेटवर्क एवं प्रणाली (सी.सी.टी.एन.एस.) को लाईव स्केनर आधारित रिमोट पूछताछ सुविधा के साथ AFIS के साथ समेकित कर दिया जायेगा। यह भारत में आपराधिक न्याय प्रणाली को सहायता प्रदान करने वाले विशालतम कंप्यूटर नेटवर्क में से एक होगा।[]
अन्य सॉफ्टवेयर व प्रणाली
ब्यूरो ने अपने यहां उपलब्ध संसाधनों से कई साफ्टवेयर पैकेज विकसित किए हैं। इसमें मोटर वाहन/संपत्ति-समन्वयन प्रणाली, तलाश सूचना प्रणाली शामिल है, जिनका उपयोग देश भर में पुलिस विभागों द्वारा किया जा रहा है।[]
ब्यूरो ने "पोट्रेट बिल्डिंग सिस्टम" नामक अति उपयोगी एप्लीकेशन साफ्टवेयर को भी विकसित किया है जोकि शिकायतकर्ता एवं गवाहों द्वारा प्रदान किए गए विवरण पर अभियुक्त/संदेहास्पद व्यक्ति को पहचानने के लिए महत्वपूर्ण सूत्र/संकेत प्रदान करता है।[]
प्राधिकृत प्रयोगकर्त्ता के लिए मोटर वाहन समन्वयन प्रणाली के सम्पूर्ण वेब एनेबल्ड वर्जन को, "ऑन लाईन" डाटा अन्तरण अद्यतन, पुन: प्राप्ति/रिपोर्ट तैयार करने हेतु लाने का प्रस्ताव परीक्षण स्तर पर है एवं इसे वर्ष के अंत तक जारी किए जाने की संभावना है।[]
प्रकाशन
ब्यूरो के वार्षिक प्रकाशनों जैसे 'भारत में अपराध, 'भारत में आकस्मिक मृत्यु एवं आत्महत्याओं' एवं 'भारत में जेल आंकड़े' देश में सुसंगत एवं उपयोगी डाटा एवं अपराध, आकस्मिक और आत्महत्याओं तथा भारत में जेल आंकड़ों पर विस्तृत सांख्यिकीय सूचना दे रहे हैं इन प्रकाशनों की देश तथा विदेशों में अत्यधिक मांग है। अंशधारकों के हित को ध्यान में रखते हुए, राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो ने इन रिपोर्टों के सभी अंको (भारत में अपराध 1953 से आगे के, 'भारत में आकस्मिक मृत्यु एवं आत्महत्याएं' 1967 से आगे के एवं 'भारत में जेल आंकड़े' 1995 से आगे के) डिजीटाइज कर दिया है एवं इन्हें राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो की वेब साईट पर उपलब्ध करवा दिया गया है। इन रिपोर्टों के नवीनतम अंक राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो की वेबसाईट पर उपलब्ध हैं एवं इन्हें अंशधारकों के द्वारा सन्दर्भ एवं प्रयोग के लिए डाउनलोड किया जा सकता है।[]
पुलिस प्रशिक्षण
यह ब्यूरो प्रत्येक वर्ष भारतीय पुलिस अधिकारियों के लिए विभिन्न विषयों जैसे बेसिक क्राईम एनालेसिस, प्रोग्रामिंग इन डाटनेट, वेब डिजाईनिंग, कंप्यूटर बेसिक, ऑफिस ऑटोमेशन, कंप्यूटर मैनेजमेंट, नेटवर्क तथा ई सिक्योरिटी, एडवांस फिंगर प्रिंट साइंस एवं भारत में अपराध तथा आकस्मिक मृत्यु व आत्महत्याएं और जेलों के आंकड़ो आदि पर प्रचालन कर्मियों के पाठ्यक्रम आदि पर औसतन २२ प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करता है। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो पुलिस में प्रशिक्षित संसाधन वाले व्यक्तियों के विकास के लिए "प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण" पाठ्यक्रम का भी आयोजन करता है।[] चार क्षेत्रीय पुलिस कंप्यूटर प्रशिक्षण केन्द्र (आर.पी.सी.टी.सी.) हैदराबाद, गांधीनगर, लखनऊ एवं कोलकत्ता भी रा.अ.रि.ब्यू.की तरफ से विभिन्न प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों का आयोजन कर रहे है।[]
भारतीय पुलिस अधिकारियों के प्रशिक्षण के अतिरिक्त, राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो विदेश मंत्रालय के भारतीय तकनीकी एवं आर्थिक सहयोग (आई.टी.ई.सी.) तथा विशेष राष्ट्रकुल अफ्रीकी सहायता (एस.सी.ए.ए.पी.) कार्यक्रम के साथ-साथ विदेश मंत्रालय के कोलंबों प्लान तकनीकी सहायता योजना (टी.सी.एस.) के अंतर्गत विदेशी पुलिस अधिकारियों के लिए 12 सप्ताह का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करता है। प्रत्येक वर्ष जनवरी से मार्च के दौरान इन अधिकारियों के लिए दो कार्यक्रमों अर्थात् कानून प्रवर्तन के लिए सूचना प्रौद्योगिकी एवं प्रौन्नत अंगुलि छाप विज्ञान तथा कंप्यूटर का आयोजन भी किया जाता है।[]
उपलब्धियाँ
अभी तक, राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो 46000 से अधिक भारतीय पुलिस अधिकारियों एवं 594 विदेशी पुलिस अधिकारियों तथा अंगुलि छाप विशेषज्ञों को प्रशिक्षित कर चुका है।[]
सन्दर्भ
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 21 जून 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 5 जून 2014.