राव चुंडा
राव चूूूड़ा , आस्थान की मृत्यु के बाद इसके भाई वीरमदेव के पुत्र राव चूड़ा राठौड़ वंश मेंं एक योग्य व सफल प्रतापी शासक बने |
राव चूड़ा ने मारवाड़ में सामन्ती प्रथा को प्रारम्भ किया, जबकि मारवाड़ में सामन्ती प्रथा का वास्तविक संंस्थापक राव जोधा को माना जाता था, राव चुंडा को मंडोर कि सत्ता राव हेम सिंह गहलोत ( मंडोर प्रतिहारो के प्रधानमंत्री ) (मंडोरवा राजपूत) ने दिलाई थी।(राव हेमा गहलोत) राव चुंडा के समीप चूड़ासर नामक गाँव भी बसाया|
हेमा घोड़ो जोत घुडबेल दान दीनो, तुर्काणीं तोड़ हिंदवाणी राव ने तिलक दीनो। गढ़ फतह किना मण्डोवर के खेड़े राव चूडा के वार गढ़ फतह किना मण्डोवर के खेड़े राव चूडा के वार है।
राव चूड़ा की रानी चाँद बाई ने जोधपुर में एक प्रसिद्ध बावड़ी का निर्माण कराया जिसे चाँद बावड़ी कहा जाता है, जबकि प्रसिद्ध चाँद बावड़ी आभानेरी ( दौसा ) में स्थित है, राव चूड़ा ने अपनी पुत्री रानी हंसाबाई का विवाह अपने पुत्र राव रणमल के कहने पर मेवाड़ के राणा लाखा के साथ कर अपनी स्थिति को और मजबूत कर लिया ।