रावसाहेब पेशवा
'''श्रीमंत सरकार रावसाहेब पेशवा'''
नाम : पांडूरंग सदाशिव भट्ट
अन्य नाम : रावसाहेब, राव भाऊ
जनम : 1826 महाराष्ट्र
माता पिता :- बाजीराव पेशवा द्वितीय, सरस्वतीबाई
भाई बहन :- नानासाहेब धोंडोपंत, बाबासाहेब, बालासाहेब, रानी झांसी, इंदूमती, बयाबाई आपटे
पत्नी : रमाबाई , लक्ष्मीबाई
शासन : 1857-58
शासन : बिठूर, ग्वालियर
राज्याभिषेक : 3 जून 1858 ग्वालियर
साम्राज्य :- मराठा साम्राज्य
युध्द : 1857-58 स्वातंत्र्य युध्द
मृत्यु : 22 ऑगस्ट 1862 फांसी की सजा.
रावसाहेब पेशवा यह नानासाहेब पेशवा के छोटे भाई थे। बाजीराव द्वितीय ने इन्हे गोद लिया था। तात्या टोपे के नेतृत्व में नानासाहेब और रानी लक्ष्मीबाई के साथ रावसाहेब और बालासाहेब ने भी युद्ध कला सिखी थी। 1857 में जब नानासाहेब भारत छोड़कर चले गये। तब पेशवा का प्रतिनिधी बनकर मराठा साम्राज्य का नेतृत्व रावसाहेब ने संभाला। 1857-58 में रानी लक्ष्मीबाई, तात्या टोपे और बांदा के नवाब अली बहादूर द्वितीय के साथ कालपी, कोंच, गुलौली, मुरार और ग्वालियर का युद्ध किया। 3 जून 1858 को ग्वालियर पर अधिकार करके रावसाहेब ने स्वयं का राज्याभिषेक करके मराठा साम्राज्य का पेशवा घोषित किया था। ग्वालियर के युद्ध में 17 जून 1858 को महारानी झांसी का बलिदान हुआ। तब रावसाहेब भी संघर्ष करते हुए नेपाल भाग गये। नानासाहेब की अगुवाई में वह भारत में युद्ध करते रहे। नानासाहेब और रावसाहेब के के संबंध के पत्रव्यवहार अब भी उपलब्ध है। इसका अर्थ है की 1860 तक नानासाहेब जिवीत थे।
20 अगस्त 1862 को रावसाहेब सियालकोट में पकड़े गये। और 21 अगस्त को उनका कोर्ट मार्शल हुआ और 22 अगस्त 1862 को अंग्रेजों ने रावसाहेब पेशवा को फांसी की सजा दी।