रामेश्वर दयाल श्रीमाली
रामेश्वर दयाल श्रीमाली | |
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मौत | ३०.०३.२०१० जालोर राजस्थान |
पेशा | साहित्यकार |
भाषा | राजस्थानी भाषा |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
विषय | कविता–संग्रह |
उल्लेखनीय कामs | म्हारो गाँवबावनों हिमाळो, गुनहगार है गजल, म्हारा मीत गंगा सिंह, कौटिल्य, |
रामेश्वर दयाल श्रीमाली राजस्थानी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता–संग्रह म्हारो गाँव के लिये उन्हें सन् 1980 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।[1]
सन्दर्भ
- ↑ "अकादमी पुरस्कार". साहित्य अकादमी. मूल से 15 सितंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 सितंबर 2016.