रामगंगा बहूद्देशीय परियोजना
रामगंगा बहूद्देशीय परियोजना | |
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उत्तराखंड में रामगंगा बहूद्देशीय परियोजना की स्थिति रामगंगा बहूद्देशीय परियोजना (भारत) | |
राष्ट्र | India |
स्थान | कालागढ़ |
निर्देशांक | 29°31′10″N 78°45′31″E / 29.51944°N 78.75861°Eनिर्देशांक: 29°31′10″N 78°45′31″E / 29.51944°N 78.75861°E |
स्थिति | प्रचालन में |
निर्माण आरम्भ | 1961 |
आरम्भ तिथि | 1974 |
निर्माण लागत | 172.12 करोड़ रूपये |
स्वामित्व | उत्तराञ्चल जलविद्युत निगम लिमिटेड |
बाँध एवं उत्प्लव मार्ग | |
प्रकार | Embankment |
घेराव | Ramganga River |
~ऊँचाई | 128 मी॰ (420 फीट) |
लम्बाई | 630 मी॰ (2,067 फीट) |
बांध आयतन | 10,000,000 मी3 (13,079,506 घन गज) |
उत्प्लव मार्ग क्षमता | 8,467 m3/s (299,009 घन फुट/सेकंड) |
जलाशय | |
कुल क्षमता | 2,447,000,000 मी3 (1,983,815 acre⋅ft) |
सक्रिय क्षमता | 2,190,000,000 मी3 (1,775,462 acre⋅ft) |
जलग्रह क्षेत्र | 3,134 कि॰मी2 (1,210 वर्ग मील) |
सतह क्षेत्रफ़ल | 78.31 कि॰मी2 (30 वर्ग मील) |
पावर स्टेशन | |
अप्रचालन तिथि | 1975-1977 |
Hydraulic head | 84.4 मी॰ (277 फीट) (design) |
टर्बाइन्स | 3 x 66 मेगावाट फ्रांसिस टरबाइन |
स्थापित क्षमता | 198 MW |
रामगंगा बहूद्देशीय परियोजना (कालागढ़ बाँध) भारत की एक प्रमुख नदी घाटी परियोजना है।
रामगंगा नदी परियोजना के अन्तर्गत उत्तराखण्ड राज्य के पौड़ी गढ़वाल जनपद में रामगंगा नदी पर 560 मीटर लम्बाई एवं 125 मीटर ऊँचाई वाला कालागढ़ बाँध एशिया महाद्वीप का सबसे बड़ा सीमेन्ट रहित मिट्टी तथा पत्थर से निर्मित बाँध है। इसका निर्माण चतुर्थ पंचवर्षीय योजना के अन्तिम चरण में पूर्ण हुआ। इस परियोजना से 17 लाख एकड़ भूमि की सिंचाई तथा 8,72 लाख एकड़ भूमि की बाढ़ से रक्षा सुनिश्चित की गई है।
यह स्थान विश्व प्रसिद्ध कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान का प्रवेशद्वार है । बाँध से संलग्न 66-66 मेगावाट के तीन जलविद्युत संयन्त्र कार्यरत हैं, जिनसे 198 मेगावाट विद्युत उत्पादन होता है । बाँध की मुख्य नहर को उत्तर प्रदेश के गढ़मुक्तेश्वर नामक स्थान पर गंगा में मिला दिया गया है। बाँध के निकट ही उद्यान विकसित किया गया है जो मैसूर में कावेरी नदी पर निर्मित वृन्दावन गार्डन के अनुरूप है।