रानी रामपाल
2010 राष्ट्रमंडल खेलों में रामपाल (नीले रंग में)। | |
व्यक्तिगत जानकारी | |
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राष्ट्रीयता | भारतीय |
निवास | शाहबाद मारकंडा, कुरुक्षेत्र ज़िला,हरियाणा |
खेल | |
देश | भारत |
खेल | हाकी |
टीम | भारत |
कोच | बलदेव सिंह |
26 सितंबर 2013 को अद्यतित। |
रानी रामपाल (जन्म : ४ दिसम्बर १९९४) भारत की एक हॉकी खिलाड़ी हैं। वे भारतीय हॉकी की 'रानी' कहलाती हैं।[1][2][3] २०१० विश्व कप में भाग लेने वाली भारतीय हॉकी टीम की वे सबसे कम उम्र की (१५ वर्ष) खिलाड़ी थीं। यह भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान है।
पारिवारिक जीवन
हरियाणा के शाहबाद मारकंडा की निवासी रानी की कहानी अपनी हिम्मत के बल पर तमाम कष्टों दुश्वारियों से सन्घर्ष करके विजयी होने की कहानी है। रानी के पिता आजीविका के लिए तांगा चलाते हैं।[4]परिवार में भाई-बहनों में रानी सबसे छोटी हैं। रानी के दो बड़े भाईं हैं। एक भाई किसी दुकान पर सहायक का काम करते हैं। उनसे बड़े भाई बढ़ई है। अपने प्रदर्शन के बाद रानी ने रेलवे में क्लर्क की नौकरी हासिल की और टीम के साथ-साथ परिवार की भी जिम्मेदारी संभाली।[5]
करियर
रानी ने करीब 4 साल पहले 14 साल की उम्र में अपना पहला इंटरनेशनल मैच खेला। इसके बाद 2010 में 15 की उम्र में वो महिला विश्व कप में सबसे युवा खिलाड़ी बनी।[1] उन्होंने 2009 में एशिया कप के दौरान भारत को रजत पदक दिलाने में अहम भूमिका निभाई. वह 2010 के राष्ट्रमंडल खेल और 2010 के एशियाई खेल के दौरान भारतीय टीम का हिस्सा थीं।[3]
2013 में जूनियर महिला हॉकी टीम ने कांस्य पदक जीता जो कि विश्व कप हॉकी प्रतिस्पर्धा में 38 साल बाद भारत का पहला कोई मेडल है। इस जीत का श्रेय रानी रामपाल और मनजित कौर का है। वह आमतौर पर सेंटर फॉरवर्ड पर खेलती हैं।
उपलब्धियाँ
- जूनियर हॉकी विश्व कप 2013 में प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट
- 2010 में 15 की उम्र में वो महिला विश्व कप में सबसे युवा खिलाड़ी बनी।
- रॉजारियो (अर्जेंटीना) में महिला हॉकी वर्ल्ड कप में सात गोल कर सर्वश्रेष्ठ यंग फॉरवर्ड का अवॉर्ड।
- जूनियर वर्ल्ड कप में तीसरे स्थान के लिए इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए मैच में दो गोल दाग कर 38 साल बाद भारत की झोली में मैडल डाला।
- ‘यंग प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट’[6]
सन्दर्भ
- ↑ अ आ "मुफ़लिसी ने सिखाई हॉकी की जादूगरी". बीबीसी हिन्दी. 5 अगस्त 2013. मूल से 30 सितंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 24 सितम्बर 2013.
- ↑ "रानी रामपाल ने हालात को दी मात, बनीं हॉकी की रानी". एबीपी न्यूज़. 6 अगस्त 2013. मूल से 28 सितंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 24 सितम्बर 2013.
- ↑ अ आ "हॉकी की "रानी" ने रची नई कहानी". पत्रिका डॉट कॉम. 8 अगस्त 2013. मूल से 27 सितंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 24 सितम्बर 2013.
- ↑ मलय (6 अगस्त 2013). "जूनियर महिला विश्व कप हॉकी में ठेलागाड़ी चलाने वाले की बेटी ने किया कमाल". आजतक. अभिगमन तिथि 24 सितम्बर 2013.[मृत कड़ियाँ]
- ↑ "पढ़ें: हॉकी के लिए रानी के संघर्ष की कहानी". आईबीएन ७. 6 अगस्त 2013. मूल से 27 सितंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 24 सितम्बर 2013.
- ↑ "महिला हॉकी- रानी 'यंग प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट' बनीं". बेंगलुरु: सीएनबीसी आवाज़. 16 सितम्बर 2010. अभिगमन तिथि 24 सितम्बर 2013. नामालूम प्राचल
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की उपेक्षा की गयी (मदद)[मृत कड़ियाँ]