राजू बन गया जेंटलमैन
राजू बन गया जेंटलमैन | |
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राजू बन गया जेंटलमैन का पोस्टर | |
निर्देशक | अज़ीज़ मिर्ज़ा |
लेखक | मनोज लालवानी अज़ीज़ मिर्ज़ा |
निर्माता | जी॰ पी॰ सिप्पी विवेक बासवानी |
अभिनेता | शाहरुख़ ख़ान, अमृता सिंह, जूही चावला, नाना पाटेकर, |
संगीतकार | जतिन-ललित |
प्रदर्शन तिथियाँ | 13 नवम्बर, 1992 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
राजू बन गया जेंटलमैन 1992 में बनी हिन्दी भाषा की हास्य प्रेमकहानी फिल्म है। शाहरुख खान, जूही चावला, नाना पाटेकर और अमृता सिंह अभिनीत इस फिल्म के अधिकार शाहरुख की रेड चिलीज़ एंटरटेनमेंट के स्वामित्व में हैं।
संक्षेप
राज माथुर (शाहरुख खान) युवा व्यक्ति है जिसने दार्जिलिंग से इंजीनियरिंग की है और एक बड़ा इंजीनियर बनने के लिए बम्बई आता है। बम्बई में, वह एक दूर के रिश्तेदार की तलाश में निचले मध्यम वर्ग के इलाके में आता है। पता चलता है कि उस रिश्तेदार ने कई साल पहले ही जगह छोड़ दी है। वह रात एक मंदिर में बिताता है, जहां वह सड़क पर प्रस्तुति देने वाले जय (नाना पाटेकर) से मिलता है, जो एक करीबी दोस्त बन जाता है और उसे रहने के लिए एक जगह देता है।
बिना किसी संपर्क और अनुभव के, उसे शहर में नौकरी पाने में कठिनाई होती है। एक सुंदर लड़की रेणु (जूही चावला), उसे निर्माण कंपनी के साथ प्रशिक्षु के रूप में नौकरी दिलाती है। जहां वह छाबड़िया (नवीन निश्चल) के सचिव के रूप में काम करती है। वे अंततः एक-दूसरे के साथ प्यार में पड़ जाते हैं।
जैसे ही वह सफल हो जाता है, वह छाबड़िया की बेटी सपना (अमृता सिंह) के ध्यान में आता है। वे एक साथ अधिक से अधिक समय बिताते हैं और जल्द ही वह अमीरों की और ग्लैमरस जीवनशैली में आ जाता है। सपना राजू के साथ प्यार में पड़ जाती है, लेकिन जब उसे पता चला कि वह रेणु से प्यार करता है, तो उसका दिल टूट जाता है।
इस बीच, राजू के दुश्मन उसके खिलाफ साजिश कर रहे थे और वे राजू की देखरेख वाले एक पुल को गिरा देते हैं। उसे दोष मिल जाता है और उसे जल्द ही यह महसूस होता है कि अमीरों की ग्लैमरस दुनिया वह नहीं चाहता है। वह और रेणु आखिरकार फिर से मिल जाते हैं।
फिल्म की कहानी राज कपूर की श्री 420 पर आधारित है।
मुख्य कलाकार
- शाहरुख़ ख़ान - राजू (राज माथुर)
- जूही चावला - रेणु
- नाना पाटेकर - जय
- अमृता सिंह - सपना छाबड़िया
- नवीन निश्चल - लालकिशन छाबड़िया
- अजीत वाच्छानी - मल्होत्रा
- अंजान श्रीवास्तव - सक्सेना
- विवेक बासवानी -लवचन्द कुकरेजा
- नीरज वोरा - अब्दुल
- अमृत पटेल - गुल्लू दादा
संगीत
इस एल्बम का संगीत "लवेरिया हुआ", "दिल है मेरा दीवाना" और "सीने में दिल है" जैसे गीतों के साथ हिट रहा था।
सभी जतिन-ललित द्वारा संगीतबद्ध।
क्र॰ | शीर्षक | गीतकार | गायक | अवधि |
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1. | "दिल है मेरा दीवाना" | देव कोहली | कुमार सानु | 6:11 |
2. | "कहती है दिल की लगी" | विनोद महेन्द्र | कुमार सानु, अलका याज्ञनिक | 6:47 |
3. | "क्या हुआ (लवेरिया हुआ)" | विनोद महेन्द्र | कुमार सानु, जॉली मुखर्जी, अलका याज्ञनिक | 5:28 |
4. | "राजू बन गया जेंटलमैन" | देव कोहली | कुमार सानु, जॉली मुखर्जी, सुदेश भोंसले, साधना सरगम | 5:33 |
5. | "राजू बन गया जेंटलमैन" (दुखद संस्करण) | देव कोहली | साधना सरगम | 2:05 |
6. | "सीने में दिल है" | मदन पाल | कुमार सानु, अलका याज्ञनिक | 6:12 |
7. | "ठम ठम ठम" | मनोज दर्पण | अलका याज्ञनिक, कुमार सानु | 4:35 |
8. | "तू मेरे साथ साथ" | महेन्द्र देहलवी | अलका याज्ञनिक, कुमार सानु | 4:40 |
नामांकन और पुरस्कार
प्राप्तकर्ता और नामांकित व्यक्ति | पुरस्कार वितरण समारोह | श्रेणी | परिणाम |
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मनोज लालवानी, अज़ीज़ मिर्ज़ा | फिल्मफेयर पुरस्कार | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पटकथा पुरस्कार | जीत |
नाना पाटेकर | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता पुरस्कार | नामित |