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राजा भाभारिया भील

राजस्थान में स्थित प्रतापगढ पर भील राजा भाभरिया भील का शासन था । वे आठ फुट लंबे और विशालकाय शरीर वाले , प्रचंड भुजा वाले और वीर योद्धा प्रतापगढ के राजा थे। बाबर ने 1526 में दिल्ली को जीता , 1527 में राणा सांगा को हरा दिया , 1528 में चंदेरी का युद्ध जीता और 1529 में घाघरा का युद्ध भी जीत लिया ऐसे समय में भी भील राजा भाभरिया भील ने प्रतापगढ समेत मालवा और गुजरात में भील साम्राज्य को बनाए रखा ।भील राजा भाभरिया ने मालवा समेत लाट गुजरात में सूरतनगर तक अपना साम्राज्य को बढ़ाया ।

Raja Bhabhariya Bhil

सन् 1531 में राणा सांगा के चाचा क्षेमकर्न के पुत्र सुर्यमॉल्ल के प्रपौत्र बीका ने भील राजा भाभरिया के बाद प्रतापगढ पर जीत हासिल करी और उन्हीं भील राजा की पत्नी देवली के नाम पर देवलिया नगर का नामकरण कर दिया और उनकी चोटी को हर विजयदशमी के दिन पूजा जाता है । भील राजा भाभरिया की समाधि देवलिया में बनाई गई और यहीं उनके लिए गंगनाथ महादेव मंदिर का निर्माण किया गया जो कि इस प्राचीन नगर के खंडहरों में सुरक्षित अनेक मंदिरो के मध्य आज भी सुशोभित है और अभी तक सुरक्षित है , जिस तलवार से धोखे से भील राजा को मारा गया था उस तलवार को देवलिया के राजमहल के पीछे सिसोदिया कि कुलदेवी बाणमाता के मंदिर की छत पर अभी भी लगी हुई है[1]

संदर्भ

  1. Jain, santosh Kumari (1981). Adiwasi Bheel Meena.