राजकुमारी रत्ना सिंह
राजकुमारी रत्ना सिंह | |
राजकुमारी रत्ना सिंह | |
जन्म | 29 अप्रैल 1959 दिल्ली |
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राजनैतिक पार्टी | भारतीय जनता पार्टी |
जीवन संगी | जय सिंह सिसोदिया |
आवास | प्रतापगढ़, भारत |
As of ४ सितम्बर, २०१२ |
राजकुमारी रत्ना सिंह (जन्म : 29 अप्रैल, 1959) एक भारतीय राजनेता है और वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी की सदस्य है। लोकसभा सदस्य राजकुमारी रत्ना सिंह ग्यारहवीं, तेरहवीं और पंद्रहवीं लोकसभा की सदस्य चुनी गयीं। नेशनल इलेक्शन वाच नामक एनजीओ की रिपोर्ट मुताबिक देश की सबसे धनी महिला सांसद प्रतापगढ़ की राजकुमारी रत्ना सिंह हैं, जिनकी कुल संपत्ति 67 करोड़ 82 लाख रुपये हैं।[1]
प्रारंभिक जीवन
राज कुमारी रत्ना सिंह का जन्म 29 अप्रैल, 1959 को हुआ। इनके पिता का नाम राजा दिनेश सिंह था। इन्होंने वाणिज्य से स्नातक की पढ़ाई की। श्री जय सिंह सिसोदिया के साथ इनका राजशी विवाह हुआ। जिससे एक पुत्र और पुत्री की उत्पत्ति हुई। इनका चुनाव क्षेत्र हमेशा से उत्तर प्रदेश का प्रतापगढ़ जिला ही रहा है। ये भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा निर्वाचित होती आई हैं।
राजनैतिक करियर
राजकुमारी रत्ना सिंह, जो कालाकांकर रियासत की वंशज हैं। उनके पिता दिनेश सिंह जिन्हें इंदिरा गांधी का करीबी माना जाता था, वह भी यहां सांसद रह चुके थे। राजघराने में ब्याही गई रत्ना सिंह इस सीट से वर्ष 1996 और फिर 1999 में दो बार बतौर सांसद चुनी गई हैं। हालांकि वर्ष 2004 में वह शाही परिवार के ही अक्षय प्रताप सिंह से चुनाव हार गई थीं। अक्षय समाजवादी पार्टी (सपा) के मौजूदा विधायक एवं भदरी रियासत के वंशज रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के चचेरे भाई हैं।[2] अक्षय को भी सपा ने अपना उम्मीदवार बनाया है। इस बार दोनों राजघराने के सदस्य फिर से चुनाव मैदान में आमने-सामने हैं। रत्ना सिंह कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं वहीं अक्षय प्रताप सिंह सपा का उम्मीदवार है।[3] रत्ना सिंह २०१४ लोक चुनाव कुँवर हरिवंश सिंह हार गई।[4][5]
इस समय रत्ना जी विभिन्न पदों से सेवा दे रही है
- १५ वी लोक सभा सदस्य
- उपाध्यक्ष, राजा अवधेश सिंह मेमोरियल शिक्षा समिति, प्रतापगढ़
- उपाध्यक्ष, एम.आर. ट्रस्ट
- उपाध्यक्ष, राजा हनुमत रामपाल ट्रस्ट, प्रतापगढ़
- सचिव, मदनमो
- संरक्षक, भयहरणनाथ धाम क्षेत्रीय विकास संस्थान,कटरा गुलाब सिंह, प्रतापगढ़
चुनाव २००९
रत्ना सिंह प्रतापगढ़ निर्वाचन क्षेत्र भारतीय आम चुनाव २००९ में आ गये, अपने निकटतम समाजवादी पार्टी के प्रतिद्वंद्वी शिवाकांत ओझा को हराने, ३०,००० से अधिक मतों से अक्षय प्रताप सिंह तीसरे में आया थे और 4 विख्यात आपराधिक राजनीतिज्ञ अतीक अहमद थे। जो जेल से चुनाव लड़ रहा थे। आंशिक रूप से, उसकी जीत को एक चुनावी जिला, जिससे माफिया सरगना राजा भैया कुंडा जिले एक अलग क्षेत्र के लिए फिर से आवंटन करने के लिए जिम्मेदार ठहराया गया गया है।
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ "Erstwhile rajas in poll race". द हिन्दू. 23 मार्च 2009. मूल से 5 जुलाई 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 7 अगस्त 2014.
- ↑ Pratapgragh Archived 2014-05-21 at the वेबैक मशीन CNN IBN
- ↑ "Who will clean up filthy and feudal Pratapgarh? - Lok Sabha Election news - रीडिफ.कॉम". Election.rediff.com. 2009-04-23. मूल से 9 अगस्त 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2014-03-15.
- ↑ "Constituencywise-All Candidates". Eciresults.nic.in. मूल से 21 मई 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2014-05-17.
- ↑ "Election Results 2014 for Pratapgarh". DNA India. मूल से 14 जुलाई 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि May 17, 2014.