रागतरंगिणी लोचन द्वारा उत्तर भारतीय संगीत के इतिहास को सूत्रबद्ध करने के उद्देश्य से लिखा गया ग्रंथ है। भातखण्डे के अनुसार उत्तर भारतीय संगीत को सूत्रबद्ध करने का प्रथम प्रयास इसी ग्रंथ में हुआ है।[1]
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