रसधानी
कोशिका विज्ञान | |
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प्राणि कोशिका चित्र | |
रसधानी कोशिकाद्रव्य में झिल्ली-बद्ध स्थान को कहते हैं। इसमें जल, रस, उत्सर्जित पदार्थ व अन्य उत्पाद जो कोशिका हेतु उपयोगी नहीं है, भी इसमें मिलते हैं। रसधानी एकल झिल्ली से आवृत होती है जिसे तानलवक कहते हैं। पादप कोशिकाओं में यह कोशिका का 90% स्थान घेरता है। पौधों में बहुत से आयन व दूसरे पदार्थ सान्द्रता प्रावण्य के विपरीत तानलवक से होकर रसधानी में अभिगामित होते हैं। इसलिए इनकी सान्द्रता रसधानी में कोशिका की अपेक्षा काफी अधिक होती है।
अमीबा में संकुचनशील रसधानी उत्सर्जन हेतु महत्त्वपूर्ण है। बहुत सारी कोशिकाओं जैसे प्रजीव में खाद्य रसधानी का निर्माण खाद्य पदार्थों को निगलने हेतु होता है।