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रक्त चंदन

रक्त चंदन
आन्ध्र प्रदेश के चितूर जिले के तलकोना वन में
वैज्ञानिक वर्गीकरण
जगत: पदप जगत
अश्रेणीत: Angiosperms
अश्रेणीत: Eudicots
अश्रेणीत: Rosids
गण: Fabales
कुल: Fabaceae
उपकुल: Faboideae
वंश समूह: Dalbergieae
वंश: Pterocarpus
जाति: P. santalinus
द्विपद नाम
Pterocarpus santalinus
L.f.
पर्यायवाची[2]
  • Lingoum santalinum (L.f.) Kuntze

रक्त चन्दन (वैज्ञानिक नाम : Pterocarpus santalinus) दक्षिण भारत के जंगलों में पाया जाने वाला एक पेड़ है जिसकी लकड़ी हिन्दुओं के द्वारा पवित्र मानी जाती है। सफ़ेद चन्दन के विपरीत इसमें कोई सुगन्ध नहीं होती लेकिन शैव तथा शाक्त परम्पराओं को मानने वाले लोग इसका उपयोग पूजा में करते हैं। कर्नाटक, तमिलनाडु और आन्ध्र प्रदेश के क्षेत्रों में उगता है। शेषाचलम इसका मुख्य प्राप्तिस्थान है।[3]

पानी से अधिक घनत्व की ये लकड़ी बहुत महंगी है। तने के बीच वाले भाग की लकड़ी का प्रयोग पाचन तंत्र शोधन, शरीर में तरल का संचय, रक्त शोधन जैसे उपचारों में होता है। भारत से इसका निर्यात मुख्यतः चीन तथा जापान को होता है। कर्नाटक और तमिलनाडु इसकी प्राप्ति के मुख्य राज्य हैं।

तिरुपति में रखे हुए रक्त चन्दन की लकड़ी के लट्ठे

सन्दर्भ

  1. सन्दर्भ त्रुटि: <ref> का गलत प्रयोग; iucn नाम के संदर्भ में जानकारी नहीं है।
  2. "The Plant List: A Working List of All Plant Species". मूल से 20 जनवरी 2022 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 30 September 2014.
  3. भारत के इस 'लाल सोने' के लिए अब भी तड़पता है चीन