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योनिच्छद पुनर्निर्माण शल्य चिकित्सा (ह्य्मेनोप्लास्टी)

योनिच्छद
महिला के बाह्य जननांग अंग है, लघु भगोष्ठ के अलावा तैयार किया गया है।
लैटिनhymen vaginae
ग्रे की शरी‍रिकीsubject #270 1264
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ह्य्मेनोप्लास्टी या योनिच्छद पुनर्निर्माण सर्जरी, एक ऐसी शल्य चिकित्सा प्रकिया है जिसमें योनिद्वार की झिल्ली की शल्य चिकित्सा द्वारा फिर से बहाली की जाती है। पुरुषों की रूढिवादी सोच के चलते फिर से कौमार्य को जरूरत मानने वाली लड़कियां हाइम्नोप्लास्टी करा रही हैं। कॉस्मेटिक (सौंदर्य प्रसाधन) सर्जन (शल्य - चिकित्सक) ऐसी सर्जरी (शल्य चिकित्सा) करते हैं।[1] इस प्रकिया के बाद पूरी तरह से सामान्य होने में कम से कम छह सप्ताह का समय लगता है।

क्यों जरूरत पड़ती है ह्य्मेनोप्लास्टी की

आमतौर पर तो एक रिश्ता टूट जाने को धब्बा मानने वाली लड़कियां इसके लिए डॉक्टरों के पास आती हैं। इसके अलावा रेप का शिकार हो जाने वाली या शारीरिक शोषण की चपेट में आ जाने वाली लड़कियों के लिए यह चिकित्सा सदमे को कुछ कम कर सकती है। इसके अलावा दुर्घटना में कौमार्य खो देने वाली लड़कियों के पुरुष मानसिकता का मुकाबला करने में हाइम्नोप्लास्टी मददगार साबित होती है।[2]

कौमार्य (वर्जिनिटी) भंग होने का कारण चाहे कोई भी रहा हो, लेकिन यह भी एक बड़ा कारण है कि शक और सोच के चलते कई रिश्ते टूटते हैं। रूढिवादी मानसिकता के चलते अच्छे पढ़े-लिखे लड़के भी लड़कियों के विवाह पूर्व संबंधों को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। हालाँकि कौमार्य भंग होने से शरीर पर कोई बॉयलॉजिकल (जैविक) प्रभाव नहीं पड़ता, लेकिन यह पुरुष मानसिकता को जरूर प्रभावित करता है।[3]

आंकड़ों के हिसाब से करीब तीस फीसद लड़कियां शादी के बाद पहली रात को ब्लीड नहीं करती। इसके पीछे कई मेडिकल कारण हो सकते हैं, लेकिन सामाजिक सोच एक ही रहती है। इन तीस फीसद मामलों में वैवाहिक संबंध हमेशा खतरे में पड़ जाता है।[4]

महिलाओं का एक ऐसा वर्ग भी है जो शादी के कई साल बाद फिर से हाइम्नोपलास्टी करवाकर अपने जीवनसाथी को कौमार्य का अहसास देना चाहती हैं।

लड़के कॉरपोरेट में काम करने वाली तेज-तर्रार और बिंदास लड़कियों को पसंद करते हैं। वे लड़कियों के कई लड़कों के रिश्तों को लेकर भी सामान्य ही रहते हैं, लेकिन जब शादी की बात आती है तो वे यह बर्दाश्त नहीं कर पाते कि जिस लड़की से वे शादी करने जा रहे हैं, उसका किसी अन्य से विवाह-पूर्व शारीरिक संबंध रहा हो। इस सोच से पैदा होने वाली स्थिति से बचने के लिए लड़कियों के पास इस तरह का सर्जिकल विकल्प मौजूद है।

कई मामलों में ऐसा भी होता है कि पहली शादी नाकाम रहने या सगाई और शादी के बीच की अवधि में ही लड़के और लड़की के बीच संबंध बन जाते हैं, लेकिन दहेज या अन्य किसी कारण के चलते रिश्ता टूट जाता है। ऐसे मामलों में मां-बाप दूसरा रिश्ता तय करते समय पहले हादसे को पूरी तरह दबा देना चाहते हैं। इसके लिए भी कई बार हाइम्नोपलास्टी कराई जा रही है।

इन्हें भी देखें

बाहरी कड़ियाँ

सन्दर्भ

  1. "संग्रहीत प्रति". मूल से 24 जनवरी 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 21 जनवरी 2013.
  2. "संग्रहीत प्रति". मूल से 26 जनवरी 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 21 जनवरी 2013.
  3. "संग्रहीत प्रति". मूल से 24 जनवरी 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 21 जनवरी 2013.
  4. "संग्रहीत प्रति". मूल से 24 जनवरी 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 21 जनवरी 2013.